हमारे समाज में बिज़नेस को हमेशा गलत नज़र से देखा जाता हैं। लोगों को अपनी इज्ज़त की पड़ी होती हैं। उनको लगता हैं अगर वो धंधा करेगा तो समाज उसका इज्ज़त करेगा। धंधा करने में लोगों को शर्म आती हैं। इसलिए लोग कहते हैं धंधा, गन्दा होता हैं। बिज़नेस करने वाले दूसरों को लूटकरके अमीर बनते हैं। क्या ये सब सच हैं? – या सिर्फ एक myth!
Digitalyodha के एक शानदार पोस्ट में आपका स्वागत हैं। आज मैं आपके साथ बिज़नेस के ऊपर कुछ प्रैक्टिकल बातें डिसकस करने वाला हूँ।
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Business क्या हैं
सबसे पहले हम बात करते हैं – बिज़नेस क्या हैं? इसको समझने के लिए हमे थोड़ा इतिहास में जाना पड़ेगा। जब मानव सभ्यता विकास कर रहा था, तो लोगों की ज़रूरते भी बढ़ रही थी। लोग अपने-अपने क़ाबिलियत के हिसाब से चीजें बनाते थे। कुम्हार लोग मिट्टी के वर्तन बनाते थे। किसान लोग अनाज का उत्तपादन करते थे।
चीजों को लेजाकरके मंडियों में बेच देते थे। जरुरतमन्द लोग उसे ख़रीदते थे। कुछ जगहों पर इसका उत्पादन नहीं होता था। कुछ लोग ऐसे जगहों से Bulk में खरीदकर लेजाकरके वहाँ इसे बेच देते थे। इसीतरह समय के साथ-साथ बिज़नेस इवॉल्व करता गया। आज के मॉडर्न समय के हिसाब से कुल 10 entities के बिज़नेस चलता हैं।
Business करना क्यों ज़रूरी? – इससे सबका फ़ायदा होता हैं!
कोई भी काम करने से पहले हमारे लिए क्यों करना हैं? इसे समझ लेना ज़रूरी हैं। अब बिज़नेस क्यों ज़रूरी हैं?
बिज़नेस बिलकुल एक कुँए की तरह होते हैं। हमे जिन्दा रहने के लिए पानी की जरुरत हैं। बिना पानी के हम मर जाएंगे। ठीक उसी तरह बिना पैसे के भी हम मर जाएंगे।
हमे कुछ भी करने लिए पैसा चाहिए। इस ग्रह में जीने के लिए या चलने के लिए हमें पैसा चाहिए। अब पैसा कमाने के दो तरीक़े हैं। एक तो ये कि जिन लोगों ने बिज़नेस बिल्ड करके रखा हैं, उनके पास जाकर काम करें। जिसको जॉब बोलते हैं। या फिर खुद कुआ खोदने की नॉलेज ले ले और खुद का बिज़नेस बिल्ड करें। जहाँ पर और भी लोग आकर काम कर सके। जिससे उनलोगों की भी जरूरतें पूरी हो।
एक रिपोर्ट के मुताबिक सितम्बर 2022 तक भारत में Unemployment Rate हैं 6.50%. India में unemployment एक बहुत बड़ा प्रॉब्लम हैं। इसका समाधान तभी हो सकता हैं, जब बिज़नेस की संख्या बढ़े। यानी भारत की इकॉनमी को स्ट्रांग बनाने के लिए अभी बहुत सारे बिज़नेस की ज़रूरत हैं। जो Human और Society के लिए Real Value प्रोवाइड करें और साथ में एम्प्लॉयमेंट भी जनरते करें।
Business का मतलब होता हैं, Human या फिर Society के ज़रूरतों को प्रॉफिटेबल तरीक़े से पूरा करना। इसके अंदर प्रॉफिट बहुत जरुरी हैं। कुछ लोग इसे भी नेगेटिव तरीके से लेते हैं। बिज़नेस में प्रॉफिट नहीं होगा तो धंधा कहा से चलेगा।
खुद का बिज़नेस कैसे शुरू करें? – बिज़नेस बहुत आसान हैं!
आजकल के Lifestyle के कारण लोगों के अंदर Backpain, neckpain ये सब प्रॉब्लम आ चूका हैं। अब हो सकता हैं China, North Korea जैसे देशों के अंदर इसको ठीक करने का कुछ डिवाइस बन चूका हैं। जिसके बारें में इंडिया में बहुत कम लोगों को पता हैं। आपने ऐसे देश से कुछ डिवाइस अपने पास मंगवा लिया। और इसका इनफार्मेशन, प्रॉब्लम से जूझ रहे लोगों तक पंहुचा दिया। कि आपके पास एक ऐसा डिवाइस हैं, जो लोगो के Neck Pain को कुछ मिनटों में ठीक कर देता हैं। जो मार्केटिंग का एक पार्ट हैं। लोगों को जब फ़ायदा हो रहा हैं, तो आपसे वो क्यों नहीं ख़रीदेगा।
अब ये काम करके आप लोगों को उनके Pain को ठीक करने में मदद कर रहे हो। जहा से आप अपने हिसाब का प्रॉफिट भी कमा रहे हो। हम साफ़-साफ़ देख सकते हैं, ये काम करके आप लोगों की मदद कर रहे हो या उनको लूट रहे हो। जाहिर सी बात हैं – आप उनका मदद कर रहे हो। ऐसे में बिज़नेस कहा बुरा हुआ?
आगे चलकर आप इसी काम को एक Repetable यानी बार-बार दोहराने लायक। Sustinable यानी लम्बे समय तक चलने लायक रूप देकर अपना बिज़नेस चला सकते हो। जिसमें और भी 3,4,5 लोगों को जॉब मिल सकता हैं।
Conclusion
समाज में लोगों ने बिज़नेस को ऐसे ही बदनाम करके रखा हैं। हाँ कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो धंधे को हमेशा गंदे तरीक़े से ही करते हैं। लेकिन सब वैसा नहीं होता। हमें अपना नीयत साफ़ रखकरके बिज़नेस करना चाहिए। इससे सबका फ़ायदा होता हैं। देश की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के लिए और भी बहुत सारे अच्छे Business की ज़रूरत हैं, जो समाज को Real Value प्रोवाइड करें।