E-Commerce क्या हैं [ what is e commerce in hindi ]

बचपन में जब भी हमें कुछ खरीदने की जरुरत पड़ती थी, तो हमारे पैरेंट हमें लोकल मार्केट पर ले जाते थे और वहा प्रोडक्ट सेलेक्ट करके खरीद देते थे। ज्यादातर मामलों में हमें अपनी पसंद की प्रोडक्ट नहीं मिलता था। पर क्या करें बिना कुछ कहे हमें दुकानदार और पैरेंट की बात मान ही लेना पड़ता था। कपड़ो के मामले में हमे ये ज्यादा दिक्कत होती थी।
लेकिन अब ये दिक्कत पूरी तरीके से खत्म हो चूका हैं। आज अगर हमे कोई चीज खरीदना हैं तो हम बिना किसी के प्रेसर में पड़े अपने हिसाब से घर बैठे प्रोडक्ट सेलेक्ट कर सकते हैं। खरीदना न खरीदना हमारी मर्जी, किसी को कुछ पूछे बिना हम हजारों – लाखों प्रोडक्ट देख सकते हैं। और जब खरीदना हो तब हम आर्डर कर सकते हैं, जो कि हमारे घर तक पहुँच जाता हैं। ये सबकुछ इंटरनेट की दुनिया के e commerce की सुविधा की वजह से ही संभव हो पाया हैं। Traditional Commerce यानी ऑफलाइन बिज़नेस और e-commerce के बीच में मुख्य तौर पर यही फर्क होता हैं। आज के इस पोस्ट में हम इसी E-Commerce को अच्छी तरीक़े से समझेंगे और इससे आप कैसे फायदा ले सकते हो इसके ऊपर भी बात करेंगे।

e-commerce business meaning [इ – कॉमर्स का मतलब ]

अगर हम e commerce की Full Form बात करें, तो इसका मतलब हैं – Electronic Commerce. यानी की इलेट्रॉनिक माध्यम से व्यापार करना। बिज़नेस सिर्फ वस्तुओं के ऊपर ही नहीं किया जाता, सर्विस, इवेंट आदि के ऊपर भी बिज़नेस किया जाता हैं। इसी तरह आज जितने भी इंटरनेट के माध्यम से खरीदारी तथा बिक्री  किया जाता हैं उसे ही इ-कॉमर्स बोला जाता हैं।

 

e-commerce History [ इ – कॉमर्स का इतिहास ]

इ-कॉमर्स के पहले 1960 के दशक में इलेक्ट्रॉनिक डाटा इंटरचेंज (EDI) की शुरआत हुई थी। फिर जब 1990 के दशक में इंटरनेट आम लोगो के बीच में लोकप्रिय हुआ तब से ही विक्रेताओं ने इंटरनेट के जरिये खरीदना बेचना शुरू कर दिया था और इसी प्रकार से इ-कॉमर्स की शुरआत हुई थी। आज के समय की इ-कॉमर्स के सबसे बड़े खिलाड़ी Amazon की शुरआत 5 जुलाई 1994 में हुई थी।

 

types of e-commerce [ इ-कॉमर्स के प्रकार ]

इ-कॉमर्स बिज़नेस मुख्य तौर पर चार प्रकार के होते हैं।
  • B to B [ business to business  ]
जिस बिज़नेस के जरिये दूसरे बिज़नेस को सर्व किया जाता हैं उसे ही B to B बिज़नेस कहते हैं। इसप्रकार के दो कंपनी के नाम हैं Indiamart और General Electric
  • B to C [ business to customer ]
इस प्रकार के बिज़नेस के जरिये कस्टमर को सर्व किया जाता हैं। आजकल के नए ऑनलाइन प्रोडक्ट डिलीवरी बिज़नेस को D to C भी बोलते हैं, जिसका मतलब हैं Deliver to Customer . दो काफी सक्सेसफुल बिज़नेस टू कस्टमर कंपनी हैं  Amazon और Flipkart. हलाकि अमेज़न B to B के ऊपर भी काम करता हैं।
  • C to C [ customer to customer ]
जो बिज़नेस के जरिये कस्टमर दूसरे कस्टमर के साथ डील करते हैं उसे ही कस्टमर टू कस्टमर बिज़नेस कहते हैं। इंटरनेट के ऐसे कुछ बिज़नेस हैं OLX और Quiker.
  • C to B [ customer to business ]
e-commerce की डेफिनेशन के अंदर इंटरनेट के जरिये पैसा, फण्ड के साथ डाटा ट्रांसफर को भी लिया जाता हैं। ऐसे में इंटरनेट पर बहुत सारे ऐसे कम्पनी भी हैं जो कस्टमर से रिव्यु और फीडबैक लेते हैं। इसके साथ बहुत सारे ऐसे भी कंपनी हैं जहा लोग फ्रीलांसर के हिसाब से काम कर सकते हैं। इसप्रकार के बिज़नेस को ही Customer to Business कहते हैं। इसतरह के एक कंपनी हैं Upwork.

 

e-commerce company [ इ-कॉमर्स कंपनी ]

आज के समय में दुनिया में कई सारे इ-कॉमर्स कंपनी मौजूद हैं। अगर आप भी चाहते हैं, तो खुद का इ-कॉमर्स कंपनी बना सकते हैं। क्युकी ये काफी आसान हो चूका हैं। दुनिया के कुछ बड़े इ-कॉमर्स कंपनियों के नाम हैं
  • Amazon
  • Flipkart
  • ebay
  • alibaba
  • walmart
  • indiamart
  • target
  • bookmyshow

Advantages of E-Commerce [ इ-कॉमर्स के सुविधाए ]

जब से इ-कॉमर्स आया हैं, तब से बिज़नेस काफी आसान हो गया हैं। ये कस्टमर के लिए भी काफी सुविधादायक तो हुआ ही हैं, साथ में बिजनेसमैन के लिए भी काफी लाभदायक सावित हुआ हैं। इससे पैसों और समय की काफी बचत हो रहा हैं।
ग्राहकों की सुविधाए
  • लोकल मार्केट पर जाने में लोगो को अपने हिसाब से प्रोडक्ट सेलेक्ट करने में थोड़ दिक्कत होती हैं। इ-कॉमर्स साइट के जरिये लोग अपनी मर्जी की प्रोडक्ट घर से ही सेलेक्ट कर सकते हैं।
  • लोग बड़े ही आसानी से प्राइस को पता लगा सकते हैं।साथ में आपको बहुत सारे ऑप्शन भी मिल जाते हैं। जिससे कम कीमत की चीज ज्यादा कीमत में ख़रीदे जाने की संभावना काफी कम होती हैं।
  • लोगो काफी सारा कोस्ट बच जाता हैं।

 

बिजनेसमैन की सुविधाए 

 

  • बिज़नेस करने वाले को कस्टमर को बार बार प्रोडक्ट दिखाने की जरुरत नहीं पड़ती। बस एक बार प्रोडक्ट्स की अच्छी सी फोटोग्राफ लेकर उसे लिस्ट करना पड़ता हैं। कस्टमर उसको देखकर ही आर्डर करता हैं।

 

  • ऑफलाइन में बहुत सारे कस्टमर पैसे देने में बहुत तंग करते हैं। लेकिन इ-कॉमर्स में कस्टमर बिना पैसे दिए माल ले ही नहीं सकता। इससे बिजनेसमैन उधारी के चंगुल से बच जाता हैं। 
  • इ-कॉमर्स के जरिये दुनिया के कही से भी किसी भी जगह में बिज़नेस किया जा सकता हैं। ऐसे में बिजनेसमैन के लिए ढेर सारा कस्टमर लाना काफी आसान हो गया हैं।

 

Disadvantages of E-Commerce [ इ-कॉमर्स के नुकसान ]

जैसा की एक सिक्के की दो पहलु होते हैं। उसी प्रकार से इ-कॉमर्स के भी फायदे के साथ कुछ नुक्सान भी होते हैं। हलाकि ये सब फायदे के मुकाबले बहुत कम हैं। 

 

ग्राहकों के लिए नुकसान
  • ग्राहकों को बहुत सारे प्रोडक्ट दिखने के कारन कभी कभी ऐसे प्रोडक्ट के ऊपर भी खर्चा कर देते हैं, जिसकी असल उसको कोई जरुरत ही नहीं होती। 
  • ग्राहक प्रोडक्ट को छूकर देखके नहीं खरीद सकता। अगर प्रोडक्ट के बारे में सही जानकारी नहीं होगी तो कस्टमर को सही चीज नहीं भी मिल सकता हैं।

 

बिजनेसमैन के लिए नुकसान 
  • बहुतबार ऐसा भी होता हैं कि कस्टमर प्रोडक्ट तो आर्डर कर देते हैं मगर बाद में उनका इरादा बदल जाता हैं और प्रोडक्ट को वो रिसीव करने से मना कर देते हैं ऐसे में बिजनेसमैन को लेने के देने पड़ जाते हैं। इसके अलावा कॉम्पिटिशन बहुत ज्यादा होने के कारन कई बार बिना प्रॉफिट के सेल करना पड़ता हैं। 
  • कभी कभी आर्डर न आने के कारण बिजनेसमैन की बहुत सारे प्रोडक्ट स्टॉक में ही रह जाते हैं।

 

Conclusion

इ-कॉमर्स एक काफी बड़ा बिज़नेस इंडस्ट्री हैं। इसके अंदर हर केटेगरी के बिज़नेस आ सकते हैं। किसी आईडिया को इ-कॉमर्स के जरिये दुनिया के हर जगह के लोगो के सामने पेश किया जा सकता हैं। दिन व दिन जैसे जैसे इंटरनेट के यूजर बढ़ते जा रहे हैं, वैसे वैसे E-Commerce भी काफी तेजी से ग्रो कर रहा हैं। फ्यूचर में ये इंडस्ट्री काफी बूम करेगी। इ-कॉमर्स ने बिज़नेस को नया रूप दे दिया हैं। आप भी अमेज़न, फ्लिपकार्ट आदि के जरिये अपने बिज़नेस को ऑनलाइन ले जा सकते हैं। और Woocomerce, shopify आदि के जरिये खुद का इ-कॉमर्स स्टोर भी बना सकते हैं।

 

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