इंटरनेट क्या हैं ? Internet कैसे काम करता हैं [What is internet]

आज कल जमाना बिलकुल डिजिटल हो चूका हैं। ऑनलाइन आप शॉपिंग कर सकते है, बिल पे कर सकते हैं। टिकेट बुक करने से लेकर, खाना मंगवाने तक सबकुछ आप अपने फ़ोन के जरिये कर सकते हैं। बस यही नहीं आप घर से ही डिजिटल काम करके कमाई भी कर सकते हैं। ये सबकुछ इंटरनेट की वजह से ही पॉसिबल हो पाया हैं। पर क्या आपने कभी इंटरनेट के बारे में सोचा हैं? आप जो अपने फ़ोन में  चलाते हो Google, Facebook, Whatsapp क्या ये सब ही Internet हैं? जी बिलकुल नहीं। ये सब तो इंटरनेट पर राज करने वाले एक एक कंपनी हैं। तो आख़िर ये Internet हैं क्या चीज़ [ What is Internet ] ? तो चलिए आज इस पोस्ट में हमलोग इंटरनेट के बारे में एकदम सिम्पल और डिटेल में जानते हैं।

इंटरनेट क्या हैं 

इंटरनेट इंसानो द्वारा ही बनाई गई चीज हैं, जिससे पूरी दुनिया कनेक्टेड हैं। ये कोई भगवान का देन नहीं हैं। सिंपल भाषा दो या उससे अधिक कंप्यूटर का एकसाथ कनेक्ट होना ही इंटरनेट हैं। उदहारण के तौर पर आप अपने फ़ोन को डाटा ट्रांसफर करने के लिए डेटा केवल की मदद से कंप्यूटर से जो कनेक्ट करते हो , वो भी एक प्रकार के इंटरनेट ही हैं।
अब आप पूछ सकते हो मेरे घर के कंप्यूटर से तो वगल वाले के घर के कंप्यूटर वायर से कनेक्टेड नहीं हैं फिर भी आप उनसे कनेक्ट हो पाता हूँ ? यही तो इंटरनेट का कमाल हैं। आप ऐसे ही किसी से कनेक्ट नहीं हो सकते , इसके लिए किसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करना होगा। जो की इंटरनेट पर राज करने वाले कंपनी हैं। आप अगर वायरलेस इंटरनेट का इस्तेमाल करते हो , तो आप तक सिग्नल के जरिये डेटा आता हैं , जिसे आपके डिवाइस रिचिव करते हैं।
मगर पूरी दुनिया को इंटरनेट से जोड़ने के लिए वायर का इस्तेमाल किया गया हैं। जिसे सबमरीन केवल कहते हैं। एक से दूसरे देश को कनेक्ट करने के लिए इन वायरो को समंदर के नीचे से भी लेकर जाया गया हैं। इसप्रकार से पूरा दुनिया कनेक्टेड हैं, इन्ही वायर की मदद से दुनिया में कही पर बैठा आदमी किसी से भी कनेक्ट हो पाते हैं। कुलमिलाकर इसीको इंटरनेट या फिर वेब कहते हैं।

Internet के प्रकार 

मुख्य तौर पे देखा जाए तो इंटरनेट दो प्रकार के होते हैं। जिसमे एक वायरलेस और एक ब्रॉडबैंड होता हैं। 

Wireless इंटरनेट 

ज्यादातर इंटरनेट यूजर वायरलेस इंटरनेट का ही इस्तेमाल करते हैं। क्युकी मोबाइल का यूजर बहुत ज्यादा हैं। हर जगह ब्रॉडबैंड इंटरनेट पहुँचाना पॉसिबल भी नहीं हैं। इस केस में टावर से सिग्नल आपके डिवाइस तक आते हैं। और जो डेटा आप सेंड करते हो, वो भी हवा से ही सिग्नल के रूप में ही जाते हैं। 

Broadband (fiber ) इंटरनेट

जैसा की नाम से ही पता चलता हैं, ये इंटरनेट आप तक वायर से पहुँचता हैं। वायरलेस इंटरनेट के मुकाबले इसकी स्पीड काफी ज्यादा होती हैं। बहुत सारे नेटवर्क प्रोवाइडर कंपनी ने अपना वायर बहुत सारे जगहों में बैठा कर रखा हैं। अगर कोई इसका कनेक्शन लेना चाहता हैं तो , उन कंपनी से बात करके इसका कनेक्शनन  सकते हैं।

Internet काम कैसे करता हैं 

इंटरनेट एक जाल हैं जिससे पूरी दुनिया कनेक्टेड हैं। पर इंटरनेट की मदद से कोई ऐसे ही किसी से नहीं कनेक्ट हो पाते हैं। इंटरनेट पर बहुत सारे सर्विस प्रोवाइडर हैं आप उनका सर्विस को इस्तेमाल करके ही दूसरे से कनेक्ट हो पाओगे। उदाहरण के तौर पर व्हाट्सप्प। आपलोग तो व्हाट्सप्प का इस्तेमाल करते ही हो। पर क्या आपने कभी सोचा हैं  कि जो आप मैसेज भेजते हो वो दूसरे तक कैसे पहुँचता हैं ?
आप जो मैसेज टाइप करके सेंड करते हो, वो सबसे पहले जाता हैं, व्हाट्सप्प के सर्वर तक। उसके बाद वो मैसेज जाता हैं जिसको आपने सेंड किया था।  उदहारण के तौर पर आपने घर के पास के दोस्त को व्हाट्सप्प मैसेज भेजा , वो मैसेज सबसे पहले जाएगा सर्वर तक , फिर वहाँ से व्हाट्सप्प आपके मैसेज को आपके फ्रेंड को भेज देगा। व्हाट्सप्प का सर्वर अमेरिका में हैं। तो आपका मैसेज अमेरिका घूमकर आएगा। 
कुलमिलाकर अगर देखा जाए तो, सर्वर से चलता हैं इंटरनेट।आप जो भी इंटरनेट पर ढूंढ़ते तो , वो किसी न किसीके सर्वर पे  सेव होता होता हैं।आपका मैसेज सर्वर तक जाता हैं, आपको जिसकी जरुरत हैं सर्वर आपतक वो भेज देता हैं। 

 

Internet कहाँ से आता हैं 

कुछ लोगों को लगता हैं , इंटरनेट सेटेलाइट से आता हैं। पर ऐसा नहीं हैं, इंटरनेट पृथ्वी पर ही मौजूद हैं। सबसे पहले सारे देश को सबमरीन केबल से कनेटक्ट किया गया हैं। जो समंदर के नीचे से कनेक्टेड हैं। ये केबल काफी मजबूत होते हैं इसके बीच काफी छोटे छोटे वायर होते हैं। जो हमारे बाल के बराबर होते हैं। इन केबल को बिछाने वाले कंपनीओ ने इसके बैकअप भी रखकर रखे हैं। क्युकी इन इन केबल्स का लाइफ ज्यादा नहीं होता। 
इसके बाद देश के अंदर इंटरनेट को पहुंचाने के लिए दूसरे कंपनी काम करते हैं। जैसा की जिओ , vi . इन कम्पनिओं ने भी देश के अंदर अपना वायर बिछाया हैं, अपना अपना टावर बिछाया हैं। जिनसे वो लोगों को इंटरनेट से कनेक्ट करते हैं। इन कम्पनिओं ने अपना अपना डेटा सेंटर भी बनाके रखा हैं।
आखिर में यही कहना होगा इंटरनेट आता हैं सर्वर से। आप जो भी इंटरनेट पर सर्च करते हो, वो जिसकी सर्वर पर सेव हैं वहाँ से आपतक आ जाता हैं। ये प्रोसेस सेकंड के अंदर होता हैं। 

 

Server क्या हैं 

सर्वर एक प्रकार की कंप्यूटर ही हैं। जो दिन रात और 24 घंटे चलते रहते हैं, अगर ये बंध हो गया तो इंटरनेट ही बंध हो जाएगा। इंटरनेट पर बहुत सारे सर्वर प्रोवाइडर कंपनी मौजूद हैं, जहा आप अपने वेबसाइट के डेटा को स्टोर कर सकते हैं। आपको अगर वेबसाइट के बारे नॉलेज हैं , तो ये तो जानते ही हो की आपको अपने वेबसाइट के ट्रैफिक के लोकेशन के हिसाब से सर्वर का लोकेशन चूस करना चाहिए। इससे वेबसाइट की स्पीड अच्छी होती हैं। 

 

Conclusion 

इंटरनेट एक जाल हैं , जिससे पूरी दुनिया कनेक्टेड हैं। इसपर बहुत सारे कंपनी,  सर्विस प्रोवाइडर मौजूद हैं। इंटरनेट ने दुनिया को नया रूप दिया हैं। इंसान कहाँ रहता हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।इंटरनेट की मदद से वो किसी से भी कनेक्ट हो सकता हैं।
इस पोस्ट में हमने सिंपल में जाना कि internet क्या हैं ? हमने यहाँ पर ज्यादा टेक्निकल नहीं गया हैं।

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