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Blockchain Technology in Hindi 2022

Think and grow rich Hindi 2 min

Digitalyodha के एक शानदार पोस्ट में आपका स्वागत हैं। आज मैं आपको Blockchain Technology को आसान भाषा में उदाहरण के तहत समझाने की प्रयास करूँगा। Web 1.0, Web 2.0, Web 3.0 वाले पोस्ट में आपको Blockchain के बारे में थोड़ा सा हिंट दिया था मगर आज आपसे एकदम डिटेल में बात करने वाले हैं।

What is Blockchain

Blockchain is a system where information is stored or maintained across several computers that are linked in a peer to peer network.

 

इसके अलावा इसको दूसरे तरीक़े से भी कहा जाता हैं –

Blockchain is a system that is completely Distributed, Immutable, Decentralized and transparent.

Idea of Blockchain in Hindi

blockchain का आईडिया Stuart Harber और W. Scott Stornetta के रिसर्च पेपर how to time-stamp a digital document से सन 1991 में आया था। अब आपके मन सवाल आ सकता हैं कि फिर ये Satoshi Nakamoto कौन थे। सातोशी नाकामोतो ने 2009 में बिटकॉइन का इन्वेंशन किया था।

 

Centralized Vs Decentralized

आपने ये तो जान लिया कि ब्लॉकचैन एक decentralized model हैं। क्या आपको centralized और decentralized के बीच का फ़र्क पता हैं। चलिए सबसे पहले हम इसको ही क्लियर कर लेते हैं।

 

( यानि कि कोई एक काम/गतिविधि या संगठन को एक ही authority के द्वारा नियंत्रित करना या फिर एक स्थान पर प्रबंधित करना। )

 

( किसी एक काम या संगठन को एक authority के बजाय कई सारे Local Office या फिर authority के द्वारा कण्ट्रोल करना। )

 

इस पोस्ट के सभी चीजों को समझने के लिए सबसे पहले हम एक कहानी पढ़ लेते हैं। फिर इसके आधार पर सभी टर्म को एकदम सिंपल में समझते हैं।

 

शर्मा जी का लड़का गुप्ता जी के किराने स्टोर पर जाता हैं। ज़रूरत के सामान लेने के बाद वो गुप्ता जी के पास payment करने के लिए गया। टोटल 750 रूपए का  बिल निकलकरके आया। लेकिन शर्मा जी के लड़के के पास थे 650 रूपए। उन्होंने गुप्ता जी को 650 रूपए दिए और उनसे कहा बाकी के पैसे अगले महीने आकरके देगा। गुप्ता जी को अपने बही खाते में नोट करने को  कहा और वो वहा से निकल गया, क्युकी वो थोड़ा जल्दी में था।

इस मौके का फ़ायदा लेकर गुप्ता जी ने थोड़ा चालाकी चला। शर्मा जी के लड़का जैसे ही वहा से गया, गुप्ता जी ने अपने बही खाते में उधारी के  100 को 200 कर दिया।

अगले महीने जब शर्मा जी का लड़का आकरके गुप्ता जी से उधारी के बारे पूछता हैं, तब गुप्ता जी ने अपने बही खाते में देखकर बताता हैं कि उधारी का 200 रूपए हैं। शर्मा जी के लड़के को भी ठीक से याद नहीं रहता इसलिए गुप्ता जी के बात को मानकर वो उसे 200 रूपए का payment कर दिया।

गुप्ता जी का बही खता ( traditional ledger ) एक centralized model हैं। उसका information सिर्फ गुप्ता जी के पास ही स्टोर था। इसलिए वो इसके साथ चालाकी करने में सफल रहे और किसीको पता भी नहीं चला।

 

Blockchain Example

Blockchain एक Distributed, Immutable, Transparent ledger हैं, जो पूरी तरह से Decentralized हैं। मान लेते हैं गुप्ता जी अपने कस्टमर के इन्फोर्मशन रखने के लिए ब्लॉकचैन का इस्तेमाल करते हैं। तो शर्मा जी के लड़के ने जो 100 रूपए की उधारी किया था उसे गुप्ता जी ने  blockchain में एक ब्लॉक के रूप में स्टोर कर दिया।

थोड़े समय बाद ये ब्लॉक, network में मौजूद सभी कंप्यूटर पर चला जाएगा और सभी के चैन में स्टोर हो जाएगा। इसलिए इसको Distributed कहा जाता हैं।

अब गुप्ता जी के लिए 100 की उधारी को 200 करना संभव नहीं हैं। क्युकी उसका कण्ट्रोल सिर्फ अपने Chain वाले ब्लॉक पर ही हैं। नेटवर्क में मौजूद सभी कंप्यूटर पर गुप्ता जी का कण्ट्रोल नहीं हैं। अगर गुप्ता जी अपने वाले ब्लॉक में चेंज करता हैं तो उनका ब्लॉकचैन पूरी तरह से बिगड़ जाएगा और उनका चालाकी बाकी कंप्यूटर तुरंत पकड़ लेगा। इसलिए इसको Immutable कहा जाता हैं।

Blockchain Network में मौजूद सभी कंप्यूटर पर इनफार्मेशन होने की वजह से इसे Distributed और Transparent भी कहा जाता हैं।

 

Hashing Algorithm

Blockchain Technology पूरी तरह से transparent होने का ये मतलब नहीं हैं कि नेटवर्क के अंदर जितने भी कंप्यूटर हैं वो सभी blocks के data को देख पाए। ब्लॉकचैन के अंदर जो इफॉर्मेशन या transaction होते हैं, उसे हम data कहते हैं, वो एक-एक ब्लॉक के रूप में स्टोर होता हैं। इसके अंदर hashing algorithm काम करता हैं। ब्लॉक के अंदर का जो acctual data हैं, उसे सिर्फ owner ही देख सकते हैं। बाकी लोग केवल ब्लॉक के ऊपरी information यानी hash को ही देख पाते हैं।

एक Block के अंदर सबसे पहले store होता हैं Relevant Innformation. बिटकॉइन  के केस में ये किसने, किसको, कब, और कितना बिटकॉइन send किया ये हो गया information. इसको ही data कहते हैं।

दूसरी चीज़ एक ब्लॉक के अंदर Store होता हैं Hash, ये एक Unique code होता हैं। जो ब्लॉक के data के हिसाब से generate होते हैं। ये हर एक ब्लॉक की अपनी अपनी identity होती हैं जिसे आप ब्लॉक की fingerprint भी मान सकते हैं।

तीसरी चीज़ एक ब्लॉक अंदर store होता हैं, उससे Previous वाले ब्लॉक का hash. इसप्रकार से सभी ब्लॉक में उससे पहले वाले ब्लॉक का hash स्टोर होता जाता हैं। और पूरा chain maintained रहता हैं। इस chain का सबसे पहले वाला block, जिसमे पहले वाले ब्लॉक का hash मौजूद नहीं होता हैं उसे Genesis Block कहते हैं।

 

Blockchain technology के अंदर, information को track करना आसान हैं, उसकी history को देखना आसान हैं। अगर कोई ब्लॉक के information को चेंज करने का प्रयास करता हैं, तो पुरे chain के अंदर ही इसका असर पड़ेगा। क्युकी information को बदलते ही ब्लॉक का hash  बदल जाएगा और उसके आगे वाले ब्लॉक का भी Previous Hash बदल जाएगा।

 

चलिए इसको भी गुप्ता जी और शर्मा जी के लड़के वाले कहानी के example के साथ अच्छे से समझते हैं।

गुप्ता जी ने 100 रूपए का उधारी का information को blockchain में add कर दिया। और ये इनफार्मेशन network में मौजूद सभी के Chain में एक ब्लॉक के रूप में add हो गया। फिर नेटवर्क के किसी दूसरे व्यक्ति ने भी किसीका information ब्लॉकचैन में ऐड कर दिया। ये ब्लॉक गुप्ता जी के चैन में भी आ गया। फिर शर्मा जी का लड़का जैसे ही वहा से गया, गुप्ता जी ने अपने chain में, उधारी वाले data का ब्लॉक को edit कर दिया। उस ब्लॉक का hash बदल गया, साथ में जो किसी दूसरे के ब्लॉक था उसका भी previous hash बदल गया।

ये सिर्फ गुप्ता जी के chain में ही होगा। नेटवर्क के बाकी लोगो के chain में पहले का information ही हैं। अब गुप्ता जी की चालाकी आसानी से पकड़में आ गया।

blockchain में नया डाटा कैसे ऐड होता हैं

ब्लॉकचैन के नेटवर्क में जितने भी कंप्यूटर मौज़ूद हैं, उसे Node कहा जाता हैं। हर एक कंप्यूटर का अपना – अपना पब्लिक एड्रेस होता हैं, जिसके बदौलत उसकी पहचान होती हैं।

मान लेते हैं एक नेटवर्क में A, B, C, D, और  E पाँच कंप्यूटर मौज़ूद हैं। इसी में से A ने B को 10 रूपए send किया। यहाँ पर A और B का पब्लिक एड्रेस और 10 रूपए ट्रांसेक्शन के इनफार्मेशन को लेकर एक ब्लॉक क्रिएट होगा।  C बोल रहा हैं कि ये transfer, A से B नहीं, A से C हुआ हैं।  A, B, D, और E बोल रहा हैं कि ये ट्रांसफर A to B हुआ हैं। सिर्फ कंप्यूटर C बोल रहा हैं कि ये ट्रांसफर A to C हुआ हैं। नेटवर्क ज़्यादा कंप्यूटर की सुनेगा और ट्रांसेक्शन को A to B ही मानेगा।

जितने भी कंप्यूटर नेटवर्क में इनफार्मेशन को varify  करने के लिए लगे होते हैं, उसे minner कहते हैं। इनफार्मेशन को सही से varify करने पर इन Minners को रिवॉर्ड दिया जाता हैं। Bitcoin ब्लॉकचैन के अंदर ये रिवॉर्ड बिटकॉइन के रूप में ही दिया जाता हैं। और ग़लत varify करने पर सज़ा भी दिया जाता हैं। पूरी तरह से reward और punishment के आधार पर ये सिस्टम चलता हैं।

 

Application or Use of blockchain Technology

वैसे तो blockchain का इस्तेमाल बहुत सारे industry में हो रहा हैं। फिर भी अगर हमलोग कुछ Top blockchain application की बात करें तो इसके अंदर आता हैं –

Education System के अंदर कैसे इसका इस्तेमाल फ़ायदेमंद हो सकता हैं, चलिए इसको समझते हैं।

कोई भी स्टूडेंट जब किसी degree या Exam में passout होता हैं, उसका सारा data उस particular board या फिर organization के पास होता हैं, जिन्होंने उस एग्जाम को held किया था। जैसा कि स्टूडेंट का मार्कशीट।

अब आपको तो पता ही हैं, दुनिया में कुछ So Called वाले अच्छे लोग होते ही हैं। वो लोग under the table corruption करके marksheet के साथ हैरा-फैरी  कर सकते हैं। इसका मतलब ये नहीं हैं कि ऐसा होता ही हैं। मगर ऐसा हो सकता हैं, होने पर किसीको पता भी नहीं चलेगा।

वही पर अगर इसके अंदर Blockchain Technology का इस्तेमाल होने लगे तो ऐसा कर पाना Impossible हो जाएगा।

 

Blockchain Vs Bitcoin

आपने ब्लॉकचैन के साथ-साथ bitcoin के बारें में भी सुना होगा। चलिए अब हम blockchain और bitcoin के बीच के फ़र्क को समझते हैं। Blockchain एक technology हैं। ये  technology कैसे काम करता हैं इतना तो आपने अबतक समझ लिया हैं।

Bitcoin एक protocol हैं। प्रोटोकॉल का सिंपल मतलब होता हैं नियम या फिर मूल लिपि। यानी  किसी काम को करने के मुख्य तरीक़ा मतलब उस काम के लिए कुछ नियम होते हैं, उसके अंदर रहकर ही आपको काम को करना हैं।

आपके स्कूल का भी प्रोटोकॉल होता था। जैसा सुबह हमेशा 9 बजे स्कूल शुरू होता हैं, एक क्लास 45 मिनिट  तक चलता हैं, दोपहर ढाई बजे छुट्टी होती हैं।

Bitcoin के अलावा भी Ethereum, Waves जैसे और भी बहुत सारे Protocol मौजूद हैं। इसका main technology ब्लॉकचैन ही हैं। आप सीधा ही ब्लॉकचैन का इस्तेमाल नहीं कर सकते। इसको आप इन प्रोटोकॉल के जरिये ही इस्तेमाल कर सकते हो।

 

Cryptocurrency

जितने भी प्रोटोकॉल हैं, इन सबका अपना-अपना Coin भी हैं। coins को प्रोटोकॉल के नाम से जाना जाता हैं। जैसा कि Waves, Ethereum, Bitcoin, Binance Coin etc. ब्लॉकचैन के अंदर जो transection या payment होते हैं, यही coins के जरिए होते हैं। इसको ही Cryptocurrency कहते हैं।

 

Future of blockchain technology

आने वाले समय में हम बिलकुल decentralized दुनिया की तरफ जा रहे हैं। ऐसे में आज जो भी application, website इंटरनेट पर centralized तरीक़े  से चल रहे हैं, जानकारों का कहना हैं कि 10-15 साल के अंदर ये सभी decentralized blockchain technology को अपना लेगा।

Conclusion

कोई भी यह नहीं चाहता हैं कि उसके सारे data का पूरा कण्ट्रोल किसी दूसरे अथॉरिटी के हाथ में हो। ब्लॉकचैन इसी समस्या का समाधान बड़े ही अच्छे तरीक़े से करता हैं। आपके data नेटवर्क में मौजूद सभी computer (जिसे node भी कहते हैं) के पास होने से इसकी Privacy नहीं चली जाती। क्युकी हर एक Block को उसके unique code यानि Hash से ही पहचाना जाता हैं। आने वाले समय में ब्लॉकचैन पूरी दुनिया को revolutionaries करके रख सकता हैं।

 

FAQ

⇒ blockchain का आईडिया Stuart Harber और W. Scott Stornetta के रिसर्च पेपर how to time-stamp a digital document से सन 1991 में आया था।

⇒ सातोशी नाकामोतो ने 2009 में बिटकॉइन का इन्वेंशन किया था।

⇒ Blockchain एक Distributed, Immutable, Transparent ledger हैं, जो पूरी तरह से Decentralized हैं।

⇒ Bitcoin, Waves, और Ethereum.

 

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