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आत्मविश्वास की कमी के लक्षण
कॉन्फिडेंस की कमी की बहुत सारी निशानी होती हैं। जैसा कि आपको जो काम अच्छे से आता हैं उसको भी ठीक से परफॉर्म नहीं कर पाना, लोगों से बात करने से डरना, किसी एक्टिविटी को करते समय हाथ-पैर काँपने लगना। हालाँकि लोगों बात करने को उतना महत्व देना सही नहीं हैं, क्योकि आपको सबसे बात करना अच्छा नहीं लगता। आप खुद ही उनसे दूर रहना पसंद करते हो। अगर आपको किसी काम को करते समय, मन में भरोशा नहीं होता आपको ऐसा लगता हैं कि – मैं इस काम को नहीं कर पाउँगा तो आपको कॉन्फिडेंस की कमी हैं।
Confidence कैसे बढ़ाए [आत्मविश्वास बढ़ाने के उपाय]
Confidence कैसे बढ़ाए ? आपका मुख्य सवाल यही हैं। अब हमलोग इसके ऊपर ही बात करेंगे क्युकी कॉन्फिडेंस कोई माँ के पेट से साथ आने वाला चीज नहीं हैं। आप चाहे तो अपना कॉन्फिडेंस बढ़ा सकते हैं। इसके लिए आपको कुछ प्रैक्टिस करना होगा, जिसके बाद आप एकदम कॉंफिडेंट रहने लगोगे।
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खुद को किसी से कम न समझें
हमारे समाज में हमेशा से ही तुलना करने की आदत हैं। माता-पिता अपने बच्चों को दूसरों के बच्चों से तुलना करते हैं। टीचर क्लास के बच्चों को तुलना करते हैं। लोग ऐसे भी तुलना करते हैं- जो बच्चा टेंथ के बाद साइंस लेता हैं, वो एकदम टॉप क्लास बच्चा हैं। जो बच्चा आर्ट्स लेता हैं, वो एकदम गैर-गुजरा हैं। इसप्रकार की बातों को देखकर तथा सुनकर हमे भी ये सब बातों पर विश्वास होने लगता हैं। हम खुद को दूसरों से कम समझने लगते हैं। जो कि हमारे Confidence को कम करने के लिए काफी होता हैं।
आपको कभी भी खुद को दूसरों से तुलना करके खुश नहीं होना हैं। अगर आप ऐसा करते हो और आपकी नज़र में कोई आपसे बेहतर आदमी आ जाता हैं, तो आप एकदम दुखी हो जाओगे और कॉफिडेंस भी down हो जाएगा।
आपको अपने अंदर ऐसा सोच डेवलप करना हैं – मैं जो भी हूँ, जैसा भी हूँ एकदम बढ़िया हूँ। _इस लाइन को भी अगर आप खुद से बार बार कहते हो, तो आपका आत्मविश्वास बहुत बढ़ जाएगा।
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दूसरों को भगवान या वेवकूफ न समझें
हमारे समाज में ये भी एक प्रथा चलता हैं कि जो लोग नौकरी करते हैं, जो दिखने में काफी अमीर दिखता हैं हो सकता हैं वो दिल से एक भिखारी हो। ऐसे लोगों को काफी सम्मान करते हैं, उन्हें भगवान समझते हैं। वही पर कुछ ऐसे भी लोग हैं जो खुद को ही सबसे बेहतर समझते हैं और सबको बताते भी रहते हैं कि वो कितना स्मार्ट हैं बाकी सब कितना वेवकूफ हैं। ऐसे लोग भी ज्यादा देर तक कॉफिडेंट नहीं रह सकते।
कभी भी दूसरों को भगवान या फिर वेवकूफ न समझें। हर कोई एक इंसान हैं – सबके पास हाथ-पैर हैं, दिमाग हैं, बस इतना सा फर्क हैं कि जो अपने अंदर जैसा इन्फॉर्मेशन जाने देता हैं उसका दिमाग वैसे ही काम करता हैं। अगर आप इस बात को अच्छे से समझ सकते हो तो आप कभी भी दूसरे इंसान के सामने कॉफिडेंस की कमी नहीं होगी।
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सर उठाकर कंधे पीछे तानकर चले
आपका मुद आपके भावना यानी Emotion पर निर्भर करता हैं। परन्तु आप अपने एक्शन को बदलके अपने Emotion को बदल सकते हैं। आप को चलते वक्त हमेशा सर उठाकर कंधो को पीछे की ओर करके चलना हैं। जैसे ही आप ऐसे चलने लगते हो, आपको काफी कॉंफिडेंट महशुस होगा। झुके हुए कंधो के साथ आप कभी भी कॉन्फिडेंस हाशिल नहीं कर सकते।
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गहरी सास लें
बहुत से लोग सास को भी ठीक से नहीं लेते। ध्यान रखिये सास लेने के वजह से ही आप जिन्दा हैं, और सास लेने में आपका कुछ भी नहीं जा रहा हैं। इसलिए हमेशा गहरी सास ले ताकि आपके बॉडी को भरपूर ओक्सिजेन मिल पाए। जब आप सास को अच्छी तरह से लेने की प्रैक्टिस करते हो, तो आपको एक अलग ही प्रकार की एनर्जी महशुस होगी। इससे भी आपका कॉन्फिडेंस काफी ज्यादा बढ़ता हैं।
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मैं हूँ शब्द का सही इस्तेमाल करें
दुनिया का दो सबसे शक्तिशाली शब्द हैं “मैं” और “हूँ”. इन दोनों शब्द का सही इस्तेमाल करके आप चाहे तो अपनी जिंदगी बदल भी सकते हैं और बिगाड़ भी सकते हैं। इसे आप कॉन्फिडेंस बढ़ाने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं। तो चलिए मैं आपको इसका इस्तेमाल कैसे करना हैं बताता हूँ। आपको इन दोनों शब्द के बीच में किसी भी शब्द को लगाना हैं। जैसा कि “मैं शक्तिशाली हूँ ” ,”मैं किसी भी परिस्थिति में सही फैसला लेता हूँ “, “मैं कॉंफिडेंट हूँ “, “मैं अमीर हूँ ” आदि शब्द। अगर आप इस प्रकार से पॉजिटिव बाते खुद को कहते रहते हो, तो आपका माइंड इसपर विश्वास करने लगता हैं। एकबार अगर ये विश्वास आपमें आ गया तो आप वैसे ही एक्ट करने लगोगे। आपका आत्मविश्वास एकदम टॉप पर आए जाएगा।
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हमेशा मुस्कुराए
जो लोग मुस्कुराते हैं वो चीजों को बेहतर ढंग से पेस करते हैं, बेचते हैं और बच्चो का भी अच्छे से पालन पोषण करते हैं। आप अगर हमेशा रूखे चेहरे के साथ चलते हो, तो आपको कोई भी पसंद नहीं करेगा। इससे आपका विश्वास और भी ख़राब होगा। इसलिए आपको अपने चेहरे पर एक मुश्कान हमेशा रखना चाहिए। शुरू में आपको ये एकदम अजीब सा लगेगा परन्तु इसकी आदत को डाल लो बुरे से बुरे वक्त में भी आपका कॉन्फिडेंस ख़राब नहीं होगा।
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चीजों को ठीक से समझें
आपके अंदर दो चीजें होना चाहिए। एक हैं Self Confidence यानी आत्मविश्वास और दूसरा हैं Self esteem यानी आत्मसम्मान। कॉफिडेंस का सिंपल मतलब हैं किसी काम को करने से पहले आपको लगता हैं कि मैं इसे कर सकता हूँ। आत्मसम्मान का मतलब हैं आप खुद को किस नज़र से देखते हो। आपका self esteem तभी बढ़ेगा जब आप चीजों को अच्छे से समझोगे, काम के सभी नियमों का अच्छे से पालन करोगे। अगर आप हर काम को ईमानदार होकर करते हो, तो आप खुद के नज़र से भी ईमानदार बन जाओगे। जो आदमी खुद के नज़र में ईमानदार हैं, उसे कभी भी कॉन्फिडेंस की कमी नहीं होगी।
आत्मविश्वास को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं
आत्मविश्वास को प्रभावित करने वाले कारको में आपका मैमोरी, नॉलेज, और सोच ही मुख्य हैं।
- आपने अगर पास्ट में कुछ अच्छा काम किया हैं या फिर आपको किसी काम करने का एक्सपीरियंस हैं तो उस काम को लेकर आपके अंदर कॉफिडेंस जरूर होगा। यही मैमोरी हैं।
- अगर काम को करने से पहले आपको उसका प्रॉपर नॉलेज होगा, तब भी आपके अंदर उस काम को लेकर कॉन्फिडेंस होगा।
- अगर आपकी सोच सकारात्मक हैं, तो आपकी कॉन्फिडेंस भी तगड़ी होगी।
Confidence और Over Confidence के बीच फर्क समझके Confidence कैसे बढ़ाए
Confidence और Over Confidence में ज्यादा फर्क नहीं हैं। अगर आपको कोई काम अच्छे से आता हैं, और उसको करने से पहले आपके मन में आता हैं कि_ मैं इस काम को कर सकता हूँ _ ये आपका Cofidence हैं। वही पर अगर आपको कोई काम एकदम भी नहीं आता, आपने उसे आजतक एकबार भी ट्राई नहीं किया हैं और दुसरो को करते देख आपको लग रहा हैं कि मैं तो इसे एकदम आसानी से कर सकता हूँ _ये आपका Over Confidence हैं। ओवर कॉन्फिडेंस कभी भी अच्छी नहीं होती।
Conclusion
जिस आदमी में Cofidence होता हैं उसके चेहरे पर एक अलग ही तरह का चमक होता हैं। अगर आपको भी कॉन्फिडेंस की कमी महशुस होती हैं, तो इसमें कोई टेंशन लेने की बात नहीं हैं। क्युकी आत्मविश्वास बढ़ाने के उपाय बहुत सारे मौजूद हैं। Confidence कैसे बढ़ाए _इसके ऊपर मैंने आपको इस पोस्ट में एकदम प्रैक्टिकल जानकारी दे दिया हैं। अगर आप इनको अच्छे से प्रैक्टिस करते हो, तो आपका कॉफिडेंस बढ़ने में ज्यादा टाइम नहीं लगेगा।
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