आज के post के अंदर हम बात करने जा रहे हैं- Evolution of Marketing philosophies के ऊपर। यानी अब तक business की दुनिया किस प्रकार से Evolue हुआ हैं।
Table of Contents
The production concept
Business के अंदर सबसे oldest comept हैं production concept. इसके अंदर कंपनी consumer के पसंदीदा Products को हर जगह और सस्ते दाम के अंदर available कराने को देखते हैं। production oriented businesses: high production, low coast और mass distribution पर Focus करते हैं। यानी बहुत सारा प्रोडक्ट एकसाथ बनाया जाए, जिससे कोस्ट कम हो जाए और इसको mass level पर यानी सबलोगों को डिस्ट्रीब्यूट किया जाए।
इसके अंदर प्रोडक्ट सस्ते में बनते हैं। मगर यहाँ रिस्क भी ज़्यादा होता हैं और बहुत हाई इन्वेस्टमेंट की ज़रूरत होती हैं।
The product concept
फिर आता हैं product concepts. इसके अंदर consumer के पसंदीदा products को सबसे बेहतर Quality, preformance और innovative features के साथ available कराने को देखा जाता हैं। लेकिन कई बार ये concept बिज़नेस के लिए दिक्कत भी पैदा करते हैं। हमें लगता हैं कि अगर सबसे बेहतर Product डेवलॅप कर लिया जाए तो customer खूद चलकर हमारे पास आएगा।
लेकिन जबतक प्रॉडक्ट की pricing, distribution, advertising, और selling अच्छी तरीके से नहीं होती हैं तबतक Market के अंदर product Successfull नहीं होती हैं।
selling concept
ये कांसेप्ट मानते हैं कि business और Consumer को अगर अकेला छोड़ दिया जाए तो वो लोग Company के ज्यादा Products को नहीं खरीद पाएंगे। इसको बिना मांगे product के साथ ज़्यादा practice किया जाता है। जैसा कि जो लोग अक्सर सामान खरीदता हैं, वो Insurance ख़रीदने के बारे में उतना नहीं सोचता।
जब Company के पास overcapacity होती है, तब market जो चाहता है उन्हें बनाने के बजाए जो वे लोग बनाते हैं उसे बेचने पर Focus करते हैं। Hard Selling बिज़नेस के लिए काफ़ी रिस्की चीज हैं। ये कांसेप्ट मानती है कि Customer को बहला- फुसलाकर कुछ खरीदवाने के बाद न केवल किर से रिपीट नहीं आ सकते, दूसरों को बुरा बोल सकते हैं, Consumer Organization में कम्प्लेन कर सकते हैं। बल्कि फिर से खरीद भी सकते हैं।
Holistic Marketing Explanation
Marketing Concept
मार्केटिंग कांसेप्ट 1950 के दशक के बीच में Customer-Centered, Sense and Respond pilosophy के रूप में उभरा था। इसका काम अपने product के लिए सही Customer ढूंढ़ना नहीं बल्कि अपने customer के लिए सही product ढूंढ़ना हैं।
Selling सेलर के need के ऊपर Focus करते हैं, Marketing ख़रीददार के Need के ऊपर Focus करते हैं।