OVERTHINKING: ज़्यादा सोचने वाले बीमारी का इलाज़

हम यानी इंसानों के पास एक ऐसा Power हैं। जिसके वजह से हमसे कई गुणा  ताकतवर हाथी को भी हम बड़े आसानी से कण्ट्रोल कर सकते हैं। जिसके वज़ह से हम चाँद तक पहुँच गए, मंगल तक पहुँच गए। – ये power हैं, हमारे सोचने की power यानी, हमारे Thoughts, Thinking !

लेकिन बहुत बार ये Overthinking का रूप ले लेते हैं, और हमारे लिए Stress, Anxity, Depression का कारण बन जाते हैं।

Digitalyodha के एक शानदार पोस्ट में आपका स्वागत हैं। आज आपके साथ Overthinking को कैसे दूर कर सकते हैं? इसके ऊपर कुछ प्रैक्टिकल बातें डिसकस करने वाला हूँ।

OVERTHINKING बुरा नहीं हैं

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सबसे पहले हमारे लिए ये समझ लेना ज़रूरी हैं, कि Thinking बुरा नहीं हैं। ज़्यादा सोचना भी बुरा नहीं हैं। आप पढ़ाई करते हो, तो आपको बहुत ज्यादा सोचना पड़ता हैं। हम कोई Business करते हैं, तब भी बहुत ज़्यादा सोचना पड़ता हैं कि कितना पैसा किधर लगाओगे, टारगेट कस्टमर कौन होंगे? Marketing कैसे किया जाएगा और भी वग़ैरा-वग़ैरा

मुझे पता हैं आपका ये प्रॉब्लम नहीं हैं। हममें से ज़्यादातर लोगों की प्रॉब्लम ये होती हैं – अगर मैं इस काम को शुरू करूँगा, तो घरवाले क्या सोचेंगे? लोग क्या कहेंगे? ये सब ही आता रहता हैं। हम बार-बार चाहकर भी ऐसे thought को दिमाग से बाहर नहीं कर पाते हैं। इसका मतलब गलत Overthinking हमारे लिए बुरा हैं।

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एकबार अर्जुन ने श्रीकृष्ण से कहा! हे कृष्ण, ये मन तो बहुत चंचल हैं। कभी इधर तो कभी उधर भागता रहता हैं। अगर मेरा जैसा अर्जुन इसे नियंत्रण नहीं कर पा रहा हैं, तो कोई साधारण इन्सान कैसे कर पायेगा। तब कृष्ण बोले – बात तो तुम सही बता रहे हो अर्जुन! पर ऐसी बात नहीं हैं -कि सोच को वश में करने की कोई उपाय ही नहीं हैं। अभ्यास करके कोई भी इन्सान अपने मन को काबू कर सकते हैं।

Past और Future: हम अपने past को बदल सकते हैं!

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हमारे overthinking की सबसे बड़ी वजह हैं। हम या तो Past के बारें में बहुत ज़्यादा सोचते रहते हैं या फिर Future के बारें में सोचकर परेशान होते रहते हैं। जैसा कि – अगर मैंने ऐसा किया होता, अगर मैंने वैसा नहीं किया होता, अगर उसने मुझे वैसा नहीं बोला होता। ये सब सोचते रहते हैं।

या फिर मेरे करियर का क्या होगा? क्या मैं सफ़ल हो पाऊँगा? अगर उसने मुझें ऐसा बोल दिया तो क्या होगा?__ हाँ भाई बोल दिया तो! क्या होगा, कुछ भी तो नहीं।

past हमारे लिए सीखने के लिए होता हैं। Actual में कोई past हैं ही नहीं। सिर्फ़ उसका इनफार्मेशन आपके दिमाग में हैं। जो चीज असल में हैं ही नहीं, उसके बारें में उतना क्यों सोचें।