Needs,Wants,Demand

Digitalyodha के एक और नए पोस्ट में आपका स्वागत हैं। आज के इस पोस्ट में  हम बात करने वाले हैं Core Marketing Concept के  Needs,Wants,Demand के बारे में, इसके अलावा आपको यहाँ सभी प्रकार के जरुरत ( Types of needs ) और सभी प्रकार के मांग ( Types of Demand ) के बारे में भी पता चलने वाला हैं। 

Needs क्या हैं

needs लोगों की मुख्य जरूरते हैं। इसके अंदर आते हैं  Food,  air, water, clothing, shelter. इसको हम शार्ट में रोटी, कपड़ा और मकान भी कहते हैं।  इसके बिना जीवन असंभव हैं। जिन्दा रहने के लिए आपको Food यानी खाने की जरुरत हैं, साँस लेने के लिए air यानी हवा की जरूरत हैं, पीने के लिए water यानी पानी की और रहने के लिए shelter यानी घर की जरुरत हैं। इसके अलावा भी लोगों में  एंटरटेनमेंट और एजुकेशन के लिए भी strong need होती हैं।

 

Wants क्या हैं

लोगों की need जाकर want बनती हैं, जब कोई स्पेसिफिक ऑब्जेक्ट जरुरत को पूरा करती हैं। जैसा कि आपको भूख लगा तो आपकी need हैं food और आपने दाल-रोटी खाना चाहा तो दाल – रोटी आपकी want हैं। Wants हमारे समाज, कल्चर के हिसाब से अलग-अलग होता हैं। अगर असम के किसी आदमी को भूख लगती हैं, तब वो दाल-चावल खाना चाहेगा। ऐसे में उसकी want हैं दाल-चावल।

 

Demand क्या हैं

एक Want जाकर तब Demand बनती हैं, जब उस चीज को आप खरीदना चाहते हो और उसे खरीदने के लिए आप स्वामर्थ भी रखते हो। इसको हम उदाहरण के साथ अच्छे से समझते हैं।  आप कही जा रहे थे ऐसे में आपको भूख लगी तो आपकी Need हैं Food, आपने भूख मिटाने के लिए बिस्किट और कोल्डड्रिंक खाना चाहा, फिर आपने जेब में देखा तो बिस्किट और कोल्डड्रिंक खरीदने के लिए आपके पास पैसा हैं। यहाँ पर कोल्डड्रिंक और बिस्कीट का आपके आगे Demand हैं।

वही पर आपको जब भूख लगी तो आपने पिज़्ज़ा और कोल्डड्रिंक खाना चाहा पर आपने जब देखा कि आपके पास पिज़्ज़ा और कोल्डड्रिंक खरीदने के लिए पैसा नहीं हैं। तो यहाँ पर पिज़्ज़ा और कोल्डड्रिंक का आपके आगे डिमांड नहीं हैं।

मैंने आपको ये एक छोटे से Example की मदद से समझाने की प्रयास करी हैं। आप इसे अलग अलग चीजों के साथ भी अप्लाई करके देख सकते हैं।

 

हमारी Want बहुत हो सकती हैं। हर कोई चाहता हैं कि उसके पास Iphone जैसा महंगा फोन, Audi जैसा महंगा कार हो। पर कुछ लोगों के पास ही इसे खरीदने के लिए पैसा होता हैं। ऐसे में सबके आगे इसका डिमांड नहीं हैं। कंपनी सिर्फ यह नहीं देखती हैं, कि कितने लोग उनका प्रोडक्ट चाहता हैं। कंपनी यह भी देखती हैं कि कितने लोग इसे खरीदने के स्वामर्थ भी रखते हैं। आपका भी अगर कोई बिज़नेस हैं तो आपको मार्केट के डिमांड के हिसाब से ही प्रोडक्ट या फिर सर्विस को मार्केट पर उतारना चाहिए। तभी आपको अच्छी सेल मिलेगी।

 

Types Of Needs ( जरूरतों के प्रकार )

अबतक आपको Need, Want और Demand की बेसिक जानकारी मिल गई हैं। बहुत सारे लोगों की कुछ ऐसी भी Need होती हैं, जिसको लेकर वे लोग पूरी तरह से जागरूक या फिर स्पष्ट ही नहीं होते। इस तरह से हम needs को 5 भाग में बाँट सकते हैं। _ चलिए इसको एक-एक करके समझते हैं।

  • यहाँ पर हम एक कस्टमर के द्वारा एक मोबाइल फ़ोन खरीदने को लेकर समझते हैं।

 

1. Stated Need

कस्टमर को मोबाइल चाहिए ये उनका need हैं। उन्होंने बताया कि उनका बजट हैं 8 हजार रूपए का ऐसे में उनको बहुत ज्यादा महंगा फोन नहीं चाहिए। ये उनका stated need हैं।

2. Real Need

कस्टमर चाहता हैं कि फोन का कैमरा क्वालिटी अच्छा हो साथ में फोन लॉन्ग लास्टिंग भी हो, ये उनका Real Need हैं।

3. Unstated Need

कस्टमर चाहते हैं कि दुकानदार उनके साथ अच्छे से व्यवहार करें। अगर वो ऑनलाइन खरीद रहा हैं तो वो चाहता हैं कि उनको फोन जल्दी मिले, ये उनका Unstated Need हैं।

4. Delight Need

कस्टमर चाहता हैं कि फोन के साथ उनको Backcover और हैडफोन फ्री मिले ये उनका Delight Need हैं।

5.Secret Need

कस्टमर ये भी चाहता हैं कि जब उनके दोस्त उनके हाथ में फोन देखें, तो उनको एक चालाक या फिर जागरूक ग्राहक बताए। ये उनका Secret Need हैं।

 

आपको एक मार्केटर या फिर बिज़नेसमैन के हिसाब से कस्टमर के सभी Needs के ऊपर ध्यान देना चाहिए। यहाँ पर मैंने आपको मोबाइल फोन का उदाहरण  दिया हैं, आप इसे अलग अलग चीजों के साथ भी आजमा कर देख सकते हैं। अगर सिर्फ आप कस्टमर के Stated Needs के ऊपर ध्यान देते हो, तो आप कस्टमर को बहुत छोटा बना देते हो इससे उनका कन्वर्ट होने का और लॉयल बनने का चांस बहुत कम होता हैं। वही पर अगर सभी needs पार ध्यान देकर उसे पूरा करके आप उनको लॉयल बना सकते हैं।

 

Types Of Demand ( मांग के प्रकार )

demand 8 प्रकार के होते हैं। चलिए एक-एक करके समझते हैं

1.Negative Demand

इस तरह के डिमांड में कस्टमर प्रोडक्ट या फिर सर्विस को पसंद नहीं करते हैं। यहाँ तक कि वो इसे Avoid करने के लिए पैसा देने के लिए भी तैयार होते हैं।_ अगर आप डेंटिस्ट के पास जाते हो, तो आप ट्रीटमेंट के समय दर्द नहीं चाहते। अगर डेंटिस्ट आपको कहता हैं कि बिना दर्द के ट्रीटमेंट के लिए आपको थोड़ा ज्यादा चार्ज देना पड़ेगा। आप बिना संकोश के उसको पैसा देने के लिए तैयार हो जाओगे। इसका मतलब हैं Pain का आपके लिए Negative Demand हैं।

2. Nonexistent Demand

इस तरह के डिमांड में कस्टमर प्रोडक्ट या फिर सर्विस के बारे में जागरूक ही नहीं होते या फिर वो इंटरेस्टेड ही नहीं होते। _ जैसा कि गाँव के लोग इन्सुरेंस या फिर इन्वेस्टमेंट आदि में इंटरेस्ट ही नहीं रखते हैं क्युकी इसके बारे में उसे सही जानकारी ही नहीं होती।

3. Latent Demand

कस्टमर की बहुत सारे ऐसी भी जरुरत होती हैं, जिसे मार्केट पर अवेलेबल प्रोडक्ट उसको पूरा नहीं कर पाते। _ कस्टमर चाहता हैं कि उनके फ़ोन की बैटरी, कैमरा और भी अच्छा हो, इसलिए कम्पनिया अपने नए मॉडल में हमेशा नए नए फीचर्स लाते रहते हैं।

4.Declining Demand

इस तरह के डिमांड में कस्टमर प्रोडक्ट की खरीद कम कर देते हैं, या फिर खरीदते ही नहीं।_ जैसा कि स्मार्टफोन सस्ते होने के बाद नोकिया के फीचर फ़ोन की डिमांड काफी कम हो गयी हैं।

5. Irregular Demand

इर्रेगुलर डिमांड उसे कहते हैं, जब किसी प्रोडक्ट की डिमांड कभी एकदम टॉप पर होती हैं, तो कभी एकदम भी डिमांड नहीं होती। इस तरह के डिमांड अक्सर सीजन के हिसाब से चलने वाले प्रोडक्ट के साथ जाता हैं। _ जैसा कि सर्दियों में स्वेटर,जैकेट आदि की बहुत डिमांड होती हैं मगर गर्मियों में इसे कोई नहीं खरीदता।

6. Full Demand 

इस तरह के डिमांड में कस्टमर मार्केट के सभी प्रोडक्ट को खरीद लेते हैं। _ जैसा कि MI स्टार्टिंग में जो भी प्रोडक्ट लांच करती थी, वो कुछ समय बाद ही खत्म हो जाती थी।

7. Overfull Demand

ओवरफुल डिमांड में कस्टमर सैटिस्फैक्शन से भी ज्यादा प्रोडक्ट को खरीदने में ज्यादा इंट्रेस्ट दिखाते हैं।_ जब किसी प्रोडक्ट की ओवरफुल डिमांड होती हैं तब Sales की तुलना में Supply कम हो जाती हैं। सीमेंट जैसे प्रोडक्ट के साथ इस तरह का डिमांड देखा जाता हैं।

8. Unholesome Demand

कस्टमर बहुत सारे ऐसे प्रोडक्ट की तरफ अट्रैक्ट होते हैं, जो प्रोडक्ट का परिणाम समाज या फिर लोगों के लिए अच्छा नहीं होता। जैसा कि मादक द्रव्य वाले प्रोडक्ट के साथ इस प्रकार के डिमांड देखा जाता हैं।

 

Conclusion

यहाँ पर आपको need, want, demand के बारे में सबकुछ अच्छे से पता चल गया हैं। इसके अलावा मैंने आपको सभी प्रकार के need [all types of needs] और सभी प्रकार के डिमांड [all types of demand] को भी अच्छे से समझा दिया हैं। बहुत सारे लोग अपना बिज़नेस करने की सोचते हैं, जोश में आकर कुछ लोग स्टार्ट भी कर देते हैं, मगर उनको मार्केटिंग के बारे में बेसिक या फिर कुछ भी जानकारी नहीं होती, जिनके कारण वो बिज़नेस में बुरी तरह से फ़ैल हो जाते हैं। बिज़नेस करने के लिए आपको मार्केटिंग के बेसिक पता होना बहुत जरुरी हैं। हम आपके  marketing के ऊपर लगातार सभी कांसेप्ट के बारे में पोस्ट ला रहे हैं। इससे पहले वाले पोस्ट के लिंक आपको नीचे मिल जाएगा। या फिर आप हमारे साइट Digitalyodha के Marketing सेक्शन में जाकर भी इसे देख सकते हैं।

 

Core marketing Concepts के सभी चैप्टर – Philip Kotler

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