Pegasus Spyware क्या हैं [ Pegasus Complete Information ]

पिछले कुछ दिनों से “Pegasus Spyware” ये नाम बहुत जगह पर सुनने को मिल रहा हैं। इससे बहुत लोग काफी ज्यादा डरे हुए हैं। आखिर ये पेगासस क्या चीज हैं ? इससे हमको सचमे डरना भी चाहिए ? इस पोस्ट में आपको कम्पलीट जानकारी मिलेगा।

Pegasus Spyware क्या हैं

पेगासस मुख्य तौर पर एक सॉफ्टवेयर हैं। ये एक ऐसा सॉफ्टवेयर हैं, जो छिपकर किसी भी मोबाइल फ़ोन या फिर चलती डिवाइस पर इनस्टॉल हो सकता हैं। इससे Android, Ios कोई नहीं बच सकता, सबके ऊपर इफेक्टिव हैं। इसके जरिए किसी भी मोबाइल फ़ोन से उसका सभी डेटा हासिल किया जा सकता हैं। ईमेल, ब्राउज़िंग हिस्ट्री, कांटेक्ट, फ़ोन लॉग्स आदि के साथ साथ उस डिवाइस का लोकेशन को भी ट्रैक किया जा सकता हैं। इसके साथ फ़ोन के माइक्रोफोन और कैमरा को भी कण्ट्रोल किया जा सकता हैं। 
इजराइल के cyberarm firm, NSO ग्रुप ने Pegasus Spyware को डेवलॅप किया था। ये ग्रुप साइबर सिक्योरिटी और साइबर रिचार्च के फील्ड में काम करता हैं। NSO का फुल फॉर्म इसके तीन फाउंडर के नाम हैं। Niv Carmi, Shalev Hulio और Omri Lavie ये तीनों NSO ग्रुप के फाउंडर हैं। इनलोगों के नाम के पहले अक्षर से ही इसका नाम रखा गया हैं। 

 

Pegasus Spyware कैसे काम करता हैं

दुनिया भर में जितने भी सॉफ्टवेयर, ऑपरेटिंग सिस्टम हैं उसमें कोई न कोई Bugs होते ही हैं। इन Bugs को कंपनी ढूंढ़ते रहते हैं, और इसे ठीक करते जाते हैं। इसके लिए कंपनी सारे एक्सपर्ट बिठाके रखा हैं। इसके अलावा बहुत सारे ऐसे कंपनी भी हैं, जो बड़े – बड़े कंपनी के Bugs को ढूंढ़ते रहते हैं और कम्पनीओ को रिपोर्ट करते हैं, बदले में वो बहुत सारा पैसा कमाते हैं। बहुत सारे डेवलपर भी इस काम को खुद से करके पैसा कमाते हैं।
NSO ग्रुप भी इसी तरह के Bugs को ढूंढ़ते हैं लेकिन वो इसे कम्पनिओं को नहीं बताते। इन इन्फोर्मशन को वो अपने टूल्स को बनाने में लगाता हैं। इसप्रकार से उनलोगों के पास बहुत सारे ऐसे Bugs के बारे में इनफार्मेशन रहते हैं, जिसका पता सॉफ्टवेयर बनाने वाले कंपनी के पास भी नहीं होता। इसका ही फयदा उठाके पेगासस काम करता हैं। इसको ही zero-day vulnerability कहते हैं। क्योकि पेगासस के जरिये किये जाने वाले अटैक को सँभालने के लिए सॉफ्टवेयर ओनर के पास कोई समय ही नहीं होता। 
ये Zero-Click पर काम करता हैं। इसका मतलब इससे जिस डिवाइस को टारगेट किया जाता हैं, उसकी तरफ से कोई रिस्पांस देने की जरुरत नहीं पड़ती। बस एक व्हाट्सप्प के मिस्ड कॉल या फिर एक massage के जरिए ही उस डिवाइस पर पूरी तरीके से कण्ट्रोल पाया जा सकता हैं। 

Pegasus का इस्तेमाल

NSO ग्रुप Pegasus का इस्तेमाल खुद नहीं करता। इसे सरकार को प्रोवाइड करते हैं। इससे वो पैसा कमाते हैं। सरकार इसे स्पेशल लोगों पर इस्तेमाल करते हैं। जैसे कि कोई अपराधी से इनफार्मेशन प्राप्त करने के लिए, उसका पता लगाने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। समाज में होने वाले गलत कामों को रोकने के लिए ही इसका इस्तेमाल किया जाता हैं।

Pegasus Price 

पेगासस को इनस्टॉल करने के लिए NOS ग्रुप सरकार से  $500000 यानी लगभग 3.7 करोड़ रूपए का फीस चार्ज करते हैं।

क्या आपको डरना चाहिए

पेगासस एक काफी महंगा सॉफ्टवेयर हैं। इसका इस्तेमाल सिर्फ सरकार ही करते हैं। ऐसे में इसको आप और हम जैसे लोगों के ऊपर क्यों इस्तेमाल किया जाएगा ? इससे उनलोगो को क्या मिलेगा। इसमें थोड़ा सा भी कॉमन सेन्स अगर आपके अंदर होगा, तो इसे समझ सकते हो। इससे आम लोगों को डरने की जरुरत नहीं हैं। 
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Conclusion

Pegasus Spyware एक काफी शक्तिशाली सॉफ्टवेयर हैं। इसके मदद से दुनिया के किसी भी डिवाइस को पूरी तरीक़े से रिमोटली एक्सेस किया जा सकता हैं। अटैक किया गया डिवाइस के माइक्रोफोन, कैमरा को भी रिमोटली चलाया जा सकता हैं। ये काफी महंगा चीज हैं। सरकार इसे गलत काम करने वालों के ऊपर इस्तेमाल करते हैं। 

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