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Segmentation Targeting Positioning

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Digitalyodha के एक और कमाल के पोस्ट में आपका स्वागत हैं। हम इन दिनों लगातार आपको मार्केटिंग का इनफार्मेशन दे रहे हैं। अबतक Marketing, who markets आदि टॉपिक को काफी अच्छे से डिसकस कर चुके हैं। आज के पोस्ट में आपको मार्केटिंग के STP यानी segmentation, Targeting, Positioning के ऊपर बात करेंगे। 

Segmentation, Targeting, Positioning क्यों जरुरी हैं 

दुनिया में 775.28 करोड़ लोग हैं। क्या इसमें से सभी लोग एक ही तरह का खाना पसन्द करता हैं ? क्या हर कोई एक जैसे घर में रहना पसंद करता हैं ? क्या हर कोई एक जैसे मूवी देखना पसंद करता हैं ? _ इन सबका जवाब हैं – नहीं। हर किसी की चाहत, पसंद, ख्वाहिश अलग अलग होती हैं। ऐसे में कोई कंपनी अगर अपना प्रोडक्ट मार्केट पर उतारते हैं तो क्या हर कोई इसे खरीदना पसंद करेगा।_इसका भी जवाब सिंपल हैं – नहीं।

इसलिए बिज़नेस में या फिर मार्केटिंग के अंदर ये जो STP का स्ट्रेटजी हैं, इसका बहुत बड़ा रोल हैं। तो चलिए यहाँ पर हम इन तीनो को एक-एक करके एक्साम्पल के साथ समझते हैं।

Segmentation क्या हैं 

इसके अंदर बड़े मार्केट को छोटे-छोटे सेगमेंट में भाग किया जाता हैं। Market को geographic, demographic, psychographic, और behavior के हिसाब से अलग अलग ग्रुप में बाटा जाता हैं।

 

 

इसके अंदर लोगो को रहने के जगह के हिसाब से अलग अलग यूनिट में भाग किया जाता हैं। जैसा कि देश के हिसाब से _Indian Market, US Market, Chinese Market. स्टेट के हिसाब से भी लोगो को ग्रुप में भाग किया जाता हैं। इसके अलावा City के हिसाब से और क्षेत्र के हिसाब से भी मार्केट को अलग अलग ग्रुप में भाग किया जाता हैं।

यहाँ पर लोगों को उनके डेमोग्राफिक के हिसाब से यानी कि उसके Age, Gender, Generation के हिसाब से अलग अलग ग्रुप में भाग किया जाता हैं।

 

Age के हिसाब से देखा जाए तो बच्चों का मार्केट अलग होता हैं, युवाओँ  का मार्केट अलग होता हैं, एडल्ट का मार्केट अलग होता हैं।

Gender के हिसाब से देखा जाए तो Male का मार्केट अलग होता हैं, Female का मार्केट अलग होता हैं।

Generation के हिसाब से देखा जाए तो Baby Boomers, Silent Generation, Millennials, Gen X, आदि के हिसाब से मार्केट के लोगो को ग्रुप में भाग किया जाता हैं।

 

Jiophone Next का Marketing Plan

अभी हालही में Jiophone Next लॉन्च हुआ था। उनलोगों का मार्केटिंग प्लान के अंदर आप इसे साफ़ साफ़ देख सकते हैं, कि कैसे कंपनी इसका इस्तेमाल करते हैं।

अगर आजकल के बिज़नेस को देखते हो, तो पहले ऑनलाइन शुरू होता हैं। प्रोडक्ट को डायरेक्ट कस्टमर को डिलीवर किया जाता हैं। जिसको D to C  Business Model कहते हैं। जिओ भी अपने Jiophone next को इसी बिज़नेस मॉडल के जरिये मार्केट में बेच सकते थे। मगर उनलोगों ने ऐसा नहीं किया। _ क्यों ? क्युकी उनलोगों पता हैं उनका टारगेट कस्टमर कौन हैं।

अगर आप इंडिया में देखते हो तो ऑनलाइन शॉपिंग कौन करता हैं ? ज्यादातर युवा ही ऐसा करते हैं। आपके माता-पीता या फिर रूरल एरिया के ज्यादातर कस्टमर अभी भी ज्यादातर ऑफलाइन शॉपिंग करने में ही विश्वास रखते हैं।

Jiophone next का टारगेट कस्टमर हैं रूरल एरिया के 35 से 40 के उम्र के ऊपर के लोग जो अभी भी 2G phone पर ही हैं। और जो लोग daily income से जिंदगी चलाते हैं। इसे आप उनलोगों के मार्केटिंग प्लान में साफ़ देख सकते हैं।

Jiophon next का असल प्राइस हैं 6400 के आस-पास। मगर कस्टमर को ये 1999 रूपए में दे रहा हैं और बाकी के पैसे उनको महीने के हिसाब से या फिर रिचार्ज करने के साथ देना होगा। जिसको आप EMI भी कहते हैं।

 

 

दुनिया के सभी लोगों की सोच अलग – अलग होती हैं। हर एक व्यक्ति की मोटिवेशन की सोर्स अलग-अलग होता हैं। । इसीप्रकार से कंपनी अपने मार्केटिंग प्लान में लोगों को पर्सनालिटी, लाइफस्टाइल, आदि के हिसाब से भाग करते हैं।

Psychographic Segmentation के अंदर basically मार्केट को यानी कि लोगों को उनके सोच आधार पर अलग – अलग ग्रुप में भाग किया जाता हैं।

 

कोई व्यक्ति एनर्जेटिक होते हैं, कोई आलसी, किसीको दिल की बात दुनिया के साथ शेयर करने में मजा आता हैं, किसीको अपने अंदर रखना ही पसंद हैं। Behavioral Segmentation के अंदर कंपनी, मार्केट के लोगों को उनके नॉलेज, एटीट्युड आदि के आधार पर अलग-अलग ग्रुप में भाग करते हैं।

 

 

Targeting क्या हैं

Market को segment में भाग करने के बाद, ये पता लगाना होता हैं कि कौन सा सेगमेंट में सबसे ज्यादा Opportunities हैं। फिर उसी सेगमेंट के पीछे मार्केटिंग पर जोड़ लगाया जाता हैं। इसीको Targeting कहते हैं।

आपका अगर कोई प्रोडक्ट या सर्विस हैं और उसको बेचने के लिए आप दुनिया के सभी लोगों को ही टारगेट कर रहे हो, तो आपका पैसा और समय नस्ट हो जाएगा। सभी लोग मार्केट के हर प्रोडक्ट में इंटरेस्ट नहीं रखता। आपका Target Market वही हैं, जो आपके प्रोडक्ट को लेने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। अब पूरी तरह से तैयार का मतलब हैं – जो आपके प्रोडक्ट को लेने में इंटरेस्टेड भी हैं और उसके पास खरीदने के लिए पैसा भी हैं। इसको हमने Need, Want, Demand वाले पोस्ट में अच्छे से समझा था।

 

 

Targeting का एक्साम्पल

 

 

Positioning क्या हैं

आखिर में आता हैं Positioning. यहाँ पर आपको कस्टमर्स के दिमाग के साथ खेलना होता हैं। आपके Target buyers को अपने प्रोडक्ट या फिर सर्विस के साथ कुछ ऐसा Key benefit देना पड़ता हैं, जिससे उनके दिमाग में एक इमेज बन जाए। इससे वो आपको जल्दी रिकॉल कर पायेगा। बस यही हैं positioning.

 

 

Positioning का एक्साम्पल

अब हमलोग इसे कुछ एक्साम्पल के साथ समझते हैं।

बहुत सारे लोगों को आप किसी ब्रांड को लेकर आपस में बहस करते हुए भी देखा होगा। ये भी Positioning के कारण ही होता हैं।

 

Conclusion

आज के इस पोस्ट में हमने मार्केटिंग के – STP यानी Segmentation, Targeting, Positioning को अच्छे से समझा। मार्केटिंग के अंदर ये बहुत जरुरी हैं। उम्मीद करता हूँ कि आपको सबकुछ अच्छे से समझमें आया होगा। इसको आप अपने रियल लाइफ में, Tv ads उतारकर और अच्छे से समझ सकते हैं।

 

Core marketing Concepts के सभी चैप्टर – Philip Kotler

CHAPTERS CONTENTS LINKS
1 What is Marketing | Philip Kotler Click Here
2 What is Marketed – 10 entities | Philip Kotler Click Here
3 Who Markets – Marketer & Prospects Click Here
4 Needs Wants Demand – सबसे महत्वपुर्ण Click Here
5 STP – Segmentation, Targeting, Positioning Click Here
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