Digitalyodha के एक शानदार पोस्ट में स्वागत हैं। आज हम Web 3.0 के बारे में बात करेंगे। आपको सबकुछ एकदम Practical Example समझाने की प्रयास रहेगी। इसलिए आप अपने पुरे दिल से इस पोस्ट को पढ़ने के तैयार हो जाइए।
Table of Contents
Internet क्या हैं
Web 1.0, Web 2.0 और Web3.0 इन सबके तरफ़ जाने से पहले, हम एक बार internet को सिंपल में समझ लेते हैं। हलाकि What is Internet वाले पोस्ट में हमने आपको इसके बारे में डिटेल में जानकारी दिया था।
दो या उससे अधिक कंप्यूटर को एकसाथ कनेक्ट करने को ही इंटरनेट कहते हैं। दुनिया भर के सभी डिवाइस के साथ Submarine Cable, Broadband, Tower इन सबसे जो एक कनेक्शन का जाल बनाया गया हैं, इसी पुरे सिस्टम को इंटरनेट कहते हैं।
हर चीज़ का वर्शन होता हैं। आप अगर गेम खेलते हो, उसमे भी लेवल होते हैं। Web 3.0 इंटरनेट का तीसरा version हैं।
Web 1.0 क्या हैं
1991 से 2004 के इंटरनेट के दौर को web 1.0 कहते हैं। इस दौरान इंटरनेट पर सिर्फ Static Page वाली वेबसाइट हुआ करता था। उस समय इंटरनेट पर consumer ज्यादा था। content producer नहीं था। लोग सिर्फ इंटरनेट से इनफार्मेशन ले सकते थे, वो भी सिर्फ पढ़के। उस पर कोई अपना point of view नहीं शेयर कर सकते थे। ये एक तरह का 1 way communication था।
web 1.0 के समय जनता के पास Power नहीं था। कम्पनिया अपने बिज़नेस के बारे में इनफार्मेशन देने के लिए Website बनाते थे। इससे वो जनता से फीडबैक नहीं ले सकते थे।
Web 2.0 क्या हैं
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2004 से अबतक जो इंटरनेट चल रहा हैं, इसको ही Web 2.0 कहा जाता हैं। Web 2.0 internet के अंदर dynamic website बनने लगे। जनता को अब सिर्फ reader बनके नहीं रहना पड़ा। अब से वो Creator और Shopper भी बन गया। यानि इंटरनेट अब 2 way communication बन चूका था। जैसा कि Amazon.in एक वेबसाइट हैं, जहा पर लोग अपना अकाउंट बना सकते हैं, प्रोडक्ट आर्डर कर सकते हैं और अपना रिव्यू भी शेयर कर सकते हैं।
इस दौरान इंटरनेट पर Youtube, Facebook जैसे सोशल मीडिया काफ़ी तेजी से पॉपुलर होने लगा। इंटरनेट के इन कंपनियों ने लोगों को काफ़ी empower कर दिया। क्योकि अब हर कोई इंटरनेट पर अपना नॉलेज,एक्सपीरियंस शेयर कर सकता था। कोई चीज पसंद या फिर न पसंद आने पर उसपर अपनी टिप्पणी कर सकता हैं।
सोशल मीडिया वेबसाइटस के पास बहुत सारे लोगों का ढेर सारा डाटा आने लगा। जैसे ही आप सोशल मीडिया पर अपना अकाउंट बनाते हो, तो वो आपकी Age, Gender, Location, Hobby जैसे डाटा ले लेते हैं। इसके अलावा आप इंटरनेट पर जो भी करते हो, उसका डाटा यानी आपका behaviour इन कंपनियों के पास save रहता हैं। ये कम्पनिया इन डाटा के आधार पर आपको, आपके पसंद के कंटेंट रेकमंड करता हैं।
social media कंपनी पैसा कैसे कमाते हैं
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ये कंपनिया हमे सबकुछ फ़्री में प्रोवाइड करते हैं। मगर ये पैसा कैसे कमाते हैं ? सोशल मीडिया कम्पनिया हमारे डाटा से ही अपना बिज़नेस बनाते हैं। दरसल इनलोगों का एडवरटाइजिंग प्रोग्राम चलता हैं। ये हमारे इंट्रेस्ट के हिसाब से जिस प्रोडक्ट के लिए हम डिमांड रखते हैं, उसका ही ऐड हमें दिखाते हैं।
राहुल अपने लिए एक बढ़िया टी-शर्ट की खोज कर रहा था। यूट्यूब पर उन्होंने टी-शर्ट के ऊपर बहुत सारा वीडियो देखा। amazon पर भी सर्च करके देख लिया, मगर उनको अपनी मन पसंद टी-शर्ट नहीं मिल रहा था। फिर जब राहुल ने फेसबुक खोला, तुरंत उसे अचानक वही टी-शर्ट देखने को मिला जिसकी वह खोज कर रहा था। उन्होंने तुरंत उसे आर्डर कर दिया।
ये छोटा सा कहानी सुनके आपको क्या लगा ? कि राहुल ने टी-शर्ट को शिद्दत से चाहा, इसलिए पूरी कायनात उसे टी-शर्ट को मिलाने में लग गया। नहीं ये डाटा का कमाल था।
कहते हैं –
आपके बेटा आपसे झुठ बोल सकता हैं, मगर आपका डाटा आपसे कभी झूठ नहीं बोलता !
इसकी वजह से इन कंपनियों की Power काफ़ी ज्यादा बढ़ गया। Internet पर इसप्रकार से चार-पाँच कंपनियों ने एक प्रकार की मोनोपॉली क्रिएट कर लिए। दुनिया भर के बिज़नेस आज इन कंपनियों पर डिपेंड करके चल रहा हैं।
Web 3.0 क्या हैं
web 3.0 का मुख्य एलिमेंट हैं Decentralization. Web 2.0 में अगर आप एक वेबसाइट बनाते हो, तो आपको होस्टिंग लेना पड़ता हैं। जहा पर आपके सारे डाटा सेव रहते हैं, अगर कोई यूजर आपके साइट विजिट करता हैं , तो होस्टिंग से डाटा उनतक पहुँचता हैं। यानी ये एक centralize model हैं।
Web 3.0 इसका ही solution हैं। इसके अंदर कोई एक सर्वर नहीं रहता, बल्कि ये दुनिया भर के सभी डिवाइस के अंदर सेव रहता हैं, जो भी इसके नेटवर्क के साथ जुड़ा हैं। ये Blockchain Technology का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में डाटा के ऊपर से किसी एक Company का पूरा कण्ट्रोल नहीं रहता हैं।
Web 3.0 भविष्य का इंटरनेट हैं। मगर ये अभी भी चल रहा हैं। बहुत सारे इंडस्ट्री इसको इस्तेमाल कर रहे हैं। Web 3.0 पर बहुत सारे स्टर्ट-अप कंपनी भी काम कर रहे हैं। कुछ लोगों का कहना हैं कि सम्पूर्ण इंटरनेट decentralized नहीं हो सकता। इससे बहुत सारे प्रॉब्लम आएगा। कुछ जानकार कह रहे हैं कि यही Future हैं। भविष्य में सभी इंटरनेट कंपनी को इसे addopt करना ही पड़ेगा।
Web 3.0 Examples
![What is Web 3.0 in Hindi - [Decentralized, Blockchain] 2022 4 crypto currancey, blockchain,](https://digitalyodha.in/wp-content/uploads/2022/07/bitcoin-4728496_640-300x150.jpg)
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![What is Web 3.0 in Hindi - [Decentralized, Blockchain] 2022 4 crypto currancey, blockchain,](https://digitalyodha.in/wp-content/uploads/2022/07/bitcoin-4728496_640-300x150.jpg)
- Crypto Currency का domain, web 3.0 पर ही आधारित हैं। जो पूरी तरह से Blockchain टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं।
- Brave Browser, web 3.0 पर आधारित ब्राउज़र हैं।
- Odysee एक यूट्यूब का alternative बनने की प्रयास कर रहे। जो web 3.0 पर आधारित हैं।
Conclusion
बहुत सारे लोग web 3.0 से डर रहे हैं। क्योकि उन्हें लगता हैं कि web 2.0 पर अभी जो कंपनी चल रहा हैं, वो सब Web 3.0 आने के बाद बंद हो जाएगा। असल में ऐसा नहीं हैं। Web 3.0 अभी भी चल रहा हैं। अगर भविष्य में इसका प्रचलन और ज्यादा होने लगता हैं, तो अभी जो कम्पनी चल रहा हैं, वो भी अपने टेक्नोलॉजी को Web 3.0 के हिसाब से अपना लेगा। जानकारों का कहना हैं कि इंटरनेट पूरी तरह से decentralize होने में और दस – पंद्रह साल लग जाएगा। आपका इसके बारे में क्या ख्याल हैं Comment करके जरूर बताना।
FaQ
- Web 3.0 कौन सा टेक्नोलॉजी इस्तेमाल करती हैं ?
⇒ Blockchain.
- Web 3.0 के एक ब्राउज़र का नाम क्या हैं ?
⇒ Brave Browser.