Digitalyodha के एक शानदार पोस्ट में आपका स्वागत हैं। आज हम आपके लिए Crypto currency के ऊपर in-depth नॉलेज लेकरके आए हैं। Crypto का ख्याल आते ही आपके मन में Bitcoin का नाम आता हैं। बहुत सारे लोग क्रिप्टो को Future Currency मान रहे हैं, तो कोई इसे Digital Asset मानकर इसमें इन्वेस्ट कर रहे हैं। चलिए आज एकदम सिंपल में जान लेते हैं कि आखिर ये क्रिप्टो हैं क्या? और ये काम कैसे करते हैं?
Table of Contents
History Of Money in Hindi
Crypto Currency के ऊपर बात करने से पहले हम Money के हिस्ट्री को (brief history of money ) थोड़ा समझ लेते हैं। फिर आपके लिए क्रिप्टो को समझना एकदम आसान हो जाएगा।
Barter System
एक जमाना ऐसा भी था जब दुनिया में कोई पैसा नहीं था। तब barter system चलता था। barter system meaning को समझने के लिए हम एक छोटा सा example लेते हैं –
मान लेते हैं एक व्यक्ति गाय पालता हैं और दूसरा व्यक्ति धान की खेती करता हैं। जब गाय वाले व्यक्ति को चावल की ज़रूरत होती हैं तब वो धान वाले व्यक्ति के पास जाता हैं और उनको दूध देकर उसके बदले चावल लेकरके आ जाता हैं। इस तरह दोनों व्यक्ति अपनी ज़रूरत को पूरा करते हैं।
barter system disadvantages की अगर हम बात करें तो इससे सभी चीजों का सही वैल्यू लगा पाना मुश्किल था। क्युकी एक किलों चावल और एक किलो दाल की वैल्यू तो बराबर नहीं हैं न। या फिर मान लेते हैं मेरे पास हैं चावल और मुझे चाहिए गुड़, आपके पास हैं गेहूँ, अब अगर मैं आपके पास जाकर चावल के बदले गुड़ मांगता हूँ तो आप कहा से दोगे। ये ट्रांसेक्शन नहीं हो पायेगा।
barter System दुनिया से पूरी तरह से ख़त्म नहीं हुआ हैं। देशों के बीच जो बड़े लेवल पर चीजों की Export और Import होते हैं, वहाँ पर barter trade आज भी चलते हैं। मान लेते हैं भारत को UAE से तेल लाना हैं। और उस तेल के वैल्यू के बराबर पैसे के बजाए भारत, UAE को चाय पत्ती दे देता हैं।
Gold Economy
इसी प्रॉब्लम की वजह से लोगों ने चीजों का वैल्यू लगाने के लिए Matel का इस्तेमाल करने लगे। स्पेशली सोने- चांदी का क्युकी ये कभी ख़राब नहीं होता हैं और इसकी अपने आपमें एक वैल्यू हैं। बहुत सालों तक लोगों ने इसीप्रकार से चीजों का आदान प्रदान करने के लिए सोने का ही इस्तेमाल किया।
मगर ये सिस्टम भी काफ़ी complecated था क्युकी सोने को हर जगह लेकरके जाना संभव नहीं था। अगर आप किसी से एक किलो चावल लेते हो तो उसके बदले आप सोने का बड़ा टुकड़ा उसे नहीं दे सकते। आपको उसे काटकर एक छोटा सा टुकड़ा देना पड़ेगा। जो की again काफी complecated हैं।
Gold standard economy
फिर इकॉनमी के अंदर तीसरा रेवोलुशन आया। अब लोगों ने सोने को जाकरके सरकार को दे दिया। और सरकार ने उसके बदले एक प्रकार के recipt लोगो को दे दिया। अब लोग उसी recipt या फिर करेंसी का इस्तेमाल करके चीजों का आदान प्रदान करने लगे। अब हर देश के सरकार के पास जितना सोना था उस देश के पास उतना ही वैल्यू का करेंसी था। अगर सरकार को नयी करेंसी बनाना होता तो सबसे पहले उतने वैल्यू का सोना अपने पास जमा करना पड़ता था। 1870 से 1920 तक यही सिस्टम चलता रहा।
मगर सरकार को economic decision लेने में बहुत दिक्कत आने लगा।
Fiat Money in Hindi
फिर सरकार ने fiat money का concept लेकरके आया। इसको आप हिंदी में वैध पैसा भी कह सकते हैं। अब सरकार ने ये डिसिशन लिया कि करेंसी छापने के लिए उसके पास कोई उतने वैल्यू की गोल्ड होने की जरुरत नहीं हैं। अगर सरकार ने बता दिया कि एक नोट की वैल्यू 10 रूपए हैं, 50 रूपए हैं, 500 रूपए हैं तो उसका वैल्यू उतना ही हैं। सरकार अब अपने हिसाब से जितना चाहे पैसा छाप सकते हैं।
100 रूपए की एक नोट को बनाने में सरकार को 100 रूपए कोस्ट नहीं आता हैं। ये वैल्यू सिर्फ ट्रस्ट के ऊपर निर्भर करता हैं। आप जो एक नोट के पीछे लिखा हुआ देखते हो, वो जितने भी रूपए का नोट होता हैं उसमे उतना ही अमाउंट का वादा होता हैं। जैसा कि – मैं धारक को 100 रूपए अदा करने का वचन देता हूँ ! और उसके नीचे rbi के गवर्नर के signutre रहते हैं।
यहाँ तक पढ़के आपको इतना तो समझमें आ गया हैं कि ये दुनिया value के हिसाब से चलता हैं। पैसा सिर्फ value को नापने का टूल हैं। जो वैल्यू के हिसाब से रोटेट करता रहता हैं।
Disadvantages Of Fiat Money
वैसे तो इससे पहले जितने भी वैल्यू ट्रांसेक्शन के Concept चल रहे थे उसके मुकाबले Fiat Money का कांसेप्ट बहुत अच्छा हैं। इससे देशों के इकॉनमी को ग्रोथ दिलाने में सरकार को बहुत मदद मिली हैं। लेकिन इसका प्रबंधन ठीक तरीक़े से न कर पाने की वजह से बहुत सारे देशों की इकॉनमी का बुरा हाल भी हुआ हैं। Fiat Money के कुछ Disadvantages हैं।
Inflation
जैसा की आपको पता ही हैं inflation का मतलब होता हैं महंगाई।
जब चीजों की वैल्यू बढ़ते हैं तो पैसो की वैल्यू कम होते हैं, जब पैसो की वैल्यू बढ़ते हैं तो चीजों की वैल्यू कम होते हैं। अब किसी चीज की वैल्यू कब बढ़ती हैं ? जब उस चीज की मात्रा कम होती हैं।
मान लेते हैं एक देश के पास 10000 किलों मुंग की दाल हैं, और 3000 किलो आलू हैं। दोनों को चाहने वाले और खरीदने वाले की संख्या बराबर हैं। अब यहाँ पर उस देश में यक़ीनन आलू का वैल्यू ज़्यादा होगा।
अब सरकार के पास ताकत हैं कि वो जितना चाहे उतना पैसा छाप सकते हैं। अब आपके मन में आ सकता हैं, तो फिर सरकार पैसे छाप कर देश के सभी लोगों में क्यों बाट नहीं देते ? इससे तो सब अमीर हो जाएगा। देश की ग़रीबी मिट जाएगा। ये सोच एकदम गलत हैं। जब पैसे की मात्रा बहुत ज़्यादा हो जायेगी तो इसकी वैल्यू कम हो जायेगी। क्युकी पैसे की अपने आपमें कोई वैल्यू नहीं हैं। ये तो ट्रस्ट के आधार पर चलती हैं। अगर सरकार बहुत सारा पैसा छाप देता हैं तो मार्केट में चीजों की कीमत बहुत ज्यादा बढ़ जाएगा। सिंपल में कहे तो महँगाई यानि Inflation बढ़ जाएगा।
आपको हर दिन ये सुनने को मिलता रहता हैं कि महंगाई आसमान छू रही हैं। इसका कारण यही हैं, सरकार थोड़ा ज़्यादा मात्रा में पैसा छाप रहा हैं। हलाकि उसके बराबर Resources और Infrastructure बनाने के ऊपर भी काम कर रहे हैं। जिससे बैलेंस बना रहे और देश ग्रो करते रहे।
Centralized
Fiat Money के साथ दूसरा प्रॉब्लम हैं कि ये Centralized हैं। इसका पूरा कण्ट्रोल सरकार के पास हैं। इसको बैंक कण्ट्रोल करते हैं।
कई बार बैंक्स ऐसे-ऐसे लोगों को लोन दे देते हैं, जो इसे चूका नहीं सकते। बैंक किस पैसे से लोन देता हैं ? आपलोग जो पैसा बैंक में रखते हो उसी से तो बैंक का धंदा चलता हैं। जब कई बार इसप्रकार से ख़राब लोन देने की वज़ह से पैसा डूब जाता हैं, तो सरकार को नोट छापना पड़ता हैं। और सरकार जब नोट छापते हैं, तो महंगाई बढ़ते हैं।
Notebandi
जैसा की आपको पता चल चूका हैं कि पैसे की अपने आपमें कोई वैल्यू नहीं हैं। बस ये ट्रस्ट के आधार पर चलता हैं। सरकार चाहे तो इसे रद्द भी कर सकते हैं।
8 नवंबर 2016 को भारत सरकार ने 500 और 1000 रूपए के नोट को रद्द कर दिया था। तब अच्छे-अच्छो की हालत ख़राब हो गई थी। क्युकी बहुत सारे लोग पैसे को Real Asset मानकर बहुत सारे पैसे अपने पास hold करके रखते हैं।
नोटबंदी का समाधान
नोटबंदी से बचने के लिए हम डिजिटल पेमेंट को चुन सकते हैं। यानी UPI, E-Wallet, net banking इत्यादि। भारत में डिजिटल ट्रांसेक्शन काफ़ी तेज़ी से बढ़ भी रहा हैं। इससे सरकार आपके पैसे को रद्द नहीं कर सकता। क्युकी ये आपके खाते में नंबर के रूप में होगा।
मगर सरकार जब नए पैसे छापेंगे तो महंगाई बढ़ेगी और आपके अकाउंट में नंबर के रूप में जो भी पैसा रहेगा उसकी वैल्यू घटेगी। और उस पैसे का फिजिकल रूप कही न कही सरकार के पास होना पड़ेगा। क्युकी आप जब चाहो तब ATM या Bank से उस पैसे को निकाल सकते हो।
What is Crypto Currency in Hindi?
Crypto Currency एक पूरी तरह से Digital Currency हैं। इसका कोई फिजिकल रूप नहीं होता हैं। बहुत सारे लोग इसे Virtual Currency भी कहते हैं। क्रिप्टो का नाम लेते ही सबसे पहले बिटकॉइन का ही नाम हमारे दिमाग में आता हैं। क्युकी ये सबसे पहला और पॉपुलर Crypto Currency हैं।
Bitcoin, USDT ये जितने भी क्रिप्टो करेंसी हैं, सबकुछ एकप्रकार के global currency हैं। जो पूरी तरह से digital, transparent, और decentralized हैं। चलिए इसको हम सिंपल में समझते हैं।
How Crypto Currency Works in Hindi
आप जैसे UPI से पैसे ट्रांसफर करते हो, क्रिप्टो भी ठीक वैसे ही ट्रांसफर होते हैं। मार्केट पर बहुत सारे Crypto Currency Exchange wallet मौज़ूद हैं।
मान लेते हैं आपको अपने एक फ्रेंड को ₹500 का बिटकॉइन ट्रांसफर करना हैं। आपके पास बिटकॉइन में कोई करेंसी नहीं हैं। यहाँ पर सबसे पहले आपको बिटकॉइन खरीदना होगा। अब आपने क्रिप्टो वॉलेट पर जाकर बिटकॉइन पर ₹500 deposit कर दिया और ये उस समय मार्केट में बिटकॉइन का जो भी भाव चल रहा हैं उसमे कन्वर्ट हो जाएगा।
फिर आपने अपने फ्रेंड से उनका Bitcoin Id माँगा। और उसमें बिटकॉइन को ट्रांसफर कर दिया।
यहाँ पर बड़ी बात यह हैं कि आप जो भी ट्रांसेक्शन करते हो उसका रिकॉर्ड लाखों कंप्यूटर में जाकरके save हो जाता हैं। क्युकी इसमें ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता हैं।
आप नार्मल upi से जो ट्रान्सेक्शन करते हो उसका रिकॉर्ड सिर्फ upi और बैंक तक ही सीमित रहता हैं।
ब्लॉकचैन के अंदर बहुत सारे कंप्यूटर में जाकरके save होने का मतलब ये नहीं हैं कि सभी इसको एक्सेस कर पाएगा। ये इनफार्मेशन एक ब्लॉक के रूप में जाकरके store होता हैं। इनसबके बारे में आपको हमने What is Blockchain वाले पोस्ट में डिटेल में इनफार्मेशन दिया हैं।
Why Bitcoin is so expensive
आपके मन में ये सवाल ज़रूर आता होगा कि ये Crypto Currencies, विशेषरूप से बिटकॉइन इतना महंगा क्यों होता हैं ?
देखिए जब भी किसी चीज़ की क्वांटिटी कम होती हैं और उसको चाहने वाले की संख्या ज़्यादा होता हैं, तो उस चीज़ की वैल्यू ज्यादा होता हैं। जैसा कि दुनिया में gold की मात्रा कम हैं। diamond की मात्रा कम हैं। इसलिए इसका वैल्यू बहुत ज्यादा हैं। अगर नार्मल पत्थर की तरह diamond यहाँ-वहाँ बिखरा हुआ मिलता तो क्या, डायमंड की प्राइस इतना ज़्यादा होता ? बिलकुल नहीं !
- बिटकॉइन भी दुनिया में लिमिटेड हैं। सिर्फ 21 मिलियन बिटकॉइन ही दुनिया में बनेंगे।
अब बिटकॉइन की ख़ास बात ये हैं कि इसका बहुत छोटा-छोटा टुकड़ा आप send कर सकते हो। जैसे पहले के ज़माने में लोग 1 पैसे, 10 पैसे से भी ट्रांसेक्शन करते थे।
Why Bitcoin volatile in Hindi
जब किसी चीज़ की डिमांड बढ़ती हैं, तो उसकी कीमत बढ़ती हैं। आप जानते ही हो कि बिटकॉइन लिमिटेड हैं। अगर कभी कोई बड़ी कंपनी बिटकॉइन में पेमेंट एक्सेप्ट करने का ऐलान कर देता हैं। जैसा की एलोन मास्क ट्वीट कर देता हैं कि टेस्ला में बिटकॉइन से ट्रांसेक्शन होगा। तब बहुत सारे लोग बिटकॉइन ख़रीदने लगता हैं। और इसकी प्राइस औटोमाटिकली बढ़ने लगता हैं। फिर कभी ट्वीट कर देता हैं कि बिटकॉइन एक्सेप्ट नहीं किया जाएगा। और लोग इसे बेचने लगता हैं, इससे बिटकॉइन की प्राइस घटने लगती हैं। Bitcoin Volatile होने का मुख्य कारण यही हैं।
Future Of Crypto Currency in India in Hindi
Crypto का future क्या हैं इसके बारें में कुछ कह पाना बहुत मुश्किल हैं। क्युकी ये एक काफ़ी नयी और इमर्जिंग मार्केट हैं। मगर इसके पीछे जो ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी हैं, इसका future bright हैं। क्युकी दुनिया decentralization की ओर ही बढ़ रही हैं। ऐसे में future के अंदर बैंकिंग सिस्टम भी decentralized ही होगा।
यहाँ पर मुझे एक लाइन याद आ रही हैं, कही पर इसे पढ़ा था किसी एक महान आदमी ने ही बताया था।
21 वी सदी में निरक्षर वो नहीं होगा, जो पढ़ लिख नहीं सकता बल्कि वो होगा जो सीखे हुए को भुला नहीं सकता और कुछ नया सीखने के लिए तैयार नहीं होगा।
दुनिया काफ़ी तेजी से बदल रही हैं। इसी बदलते हुए दुनिया का एक मिशाल हैं crypto currency. आज हमने आपको इसी क्रिप्टो करेंसी को एकदम सिंपल में समझाने की प्रयास किया हैं।
आख़िर में अगर मैं आपको conclusion बताऊ तो दुनिया वैल्यू के हिसाब से चलता हैं। पहले लोग चीजों के बदले चीजों का आदान-प्रदान करता था। फिर मेटल का इस्तेमाल करने लगा। उसके money का कांसेप्ट आया। आपको अगर पैसा कमाना हैं। तो एक बात को हमेशा याद रखना इसके लिए आपको वैल्यू ऐड करना होगा। अगर आप दूसरों को वैल्यू देते हो, तो उसके बदले वो आपको पैसा देगा। क्रिप्टो करेंसी भी यही पैसा की तरह एक इकॉनमी चलाने वाला टूल हैं। जिसे अभी बहुत कम इंडस्ट्री के अंदर adopt किया गया हैं।
FaQ
- Crypto currency क्या हैं ?
⇒ ये एक प्रकार के ग्लोबल करेंसी हैं। जो पूरी तरह से डिजिटल हैं। इसका कोई फिजिकल रूप नहीं हैं। इसे वर्चुअल करेंसी भी कहते हैं।
- 1 बिटकॉइन की प्राइस कितना हैं ?
⇒ बिटकॉइन की प्राइस ऊपर नीचे होता रहता हैं। फिलहाल 1 बिटकॉइन प्राइस ₹19 लाख से ऊपर हैं। गूगल पर Bitcoin price सर्च करके आप इसकी लाइव प्राइस चेक कर सकते हो।
- 4 क्रिप्टो करेंसी के नाम ?
⇒ मार्केट पर बहुत सारे क्रिप्टो करेंसी हैं, नए-नए करेंसी बनते रहते हैं। 4 टॉप क्रिप्टो के नाम हैं Bitcoin ( BTC ), Tether (USDT), Ethereum ( ETH ), USD Coin ( USDC ).
- क्या क्रिप्टो एक बढ़िया इन्वेस्टमेंट ऑप्शन हैं ?
⇒ इसके बारे में कुछ कह पाना मुश्किल हैं। मगर इसके पीछे जो टेक्नोलॉजी हैं वो कमाल का हैं। भविष्य इसी टेक्नोलॉजी का हैं।