What is Marketing in Hindi

Digitalyodha के एक और नए पोस्ट में आपका स्वागत हैं। आज के इस पोस्ट में हम Marketing क्या हैं ? इसके ऊपर बात करेंगे। आपने बहुत सारे मार्केटिंग के नाम सुने होंगे जैसे कि Digital Marketing, Affiliate Marketing, Content Marketing, Video Marketing इत्यादि। पर इन सबके पीछे जो शब्द लगा हैं Marketing यही सबका बाप हैं। क्युकी मार्केटिंग पहले से ही एक्सिस्ट करती हैं। उसका डेफिनेशन और कांसेप्ट पहले के जैसा ही हैं मगर मार्केटिंग को अलग अलग तरीके से करने पर उसका नाम बदल जाता हैं। अगर आपको किसी भी प्रकार के मार्केटिंग में महारत हाशिल करना हैं तो सबसे पहले मार्केटिंग का डेफिनेशन और कांसेप्ट के बारे में आपको पता होना बहुत जरुरी हैं।

 

Marketing क्या हैं 

बहुत सारे एक्सपर्ट मार्केटिंग के डेफिनेशन को अलग अलग तरीके से बताते हैं, मगर सबका कांसेप्ट सेम ही होता हैं। मार्केटिंग का सिंपल डेफिनेशन हैं – Identifying and meeting human and social needs.

इसको शार्ट में Meeting needs profitably भी कहते हैं। इसका मतलब यही होता हैं कि लोग तथा समाज के जरूरतों को समझके उसको प्रॉफिटेबल तरीके से पूरा करना ही मार्केटिंग हैं। 

 

American Marketing Association के हिसाब से Marketing क्या हैं 

अमेरिकन मार्केटिंग एसोसिएशन के हिसाब से मार्केटिंग का डेफिनेशन हैं – Marketing is activity, set of institutions and process for creating, communicating, delivering and exchanging offerings that have value for the customer, client, partner and society at large.

 

मार्केटिंग गतिविधियों, संस्थाओं का समूह और पेशकशों को बनाने, संप्रेषित करने, वितरित करने और आदान-प्रदान करने की प्रक्रिया है जो ग्राहक, भागीदार और समाज के लिए बड़े पैमाने पर मूल्य रखते हैं। 

 

Marketing management क्या हैं 

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Marketing is the art and science of choosing target markets and getting, keeping, growing customers through creating, delivering and communicating superior customer value.

मार्केटिंग सबसे  बेहतर ग्राहक मूल्य (Customer value) बनाने, वितरित करने और संचार करने के माध्यम से लक्षित बाजारों को चुनना और ग्राहकों को प्राप्त करने, बनाए रखने, विकसित करने की कला और विज्ञान है। 

 

तीनो ही डेफिनेशन से हमे यही पता लगता हैं कि मार्केटिंग एक ऐसा प्रक्रिया हैं जिससे सबसे पहले लोग तथा समाज के प्रॉब्लम को देखा जाता हैं फिर उसके हिसाब से प्रोडक्ट या फिर सर्विस बनाया जाता हैं। उसके बाद उस प्रोडक्ट के बेनिफिट, उसे क्यों लेना चाहिए ये सबकुछ विभिन्न माध्यम से लोगो को बताया जाता हैं। और आखिर में सबसे बेहतर वैल्यू वाला प्रोडक्ट कस्टमर को डिलीवर किया जाता हैं। अगर आप कस्टमर को सबसे बेहतर प्रोडक्ट और सर्विस देते हो, तो वो आपके साथ बना रहता हैं। इसके अलावा वो दूसरे लोगो को भी आपके बिज़नेस के बारे में बताता हैं।

 

Marketing क्यों जरुरी हैं 

Marketing से नए नए प्रोडक्ट और सर्विस को Introduce किया जाता हैं। जो लोगों के जिंदगी को आसान बनाते हैं। इसके साथ Marketing से डिमांड क्रिएट होते हैं, जिससे इकॉनमी को फायदा होता हैं, लोगों को जॉब मिलता हैं। इससे पूरी सोसाइटी में एक पॉजिटिव इम्पैक्ट पड़ता हैं। 

एक बिज़नेस या फिर कंपनी के लिए मार्केटिंग बहुत जरुरी हैं। नॉन प्रॉफिट आर्गेनाईजेशन भी अपना मार्केटिंग करता हैं। बहुत सारे लोगो को लगता हैं मार्केटिंग selling का एक कला हैं। पर ये जानकार बहुत से लोगो को हैरानी होती हैं कि Selling मार्केटिंग का छोटा सा पार्ट हैं। अगर कोई कंपनी या फिर बिज़नेस मार्केटिंग को सही से कर पाते  हैं तो उसकी sales की लाइन लग जाती हैं। 

सभी लोगो को सब चीज पसंद नहीं होता। जैसा की फ्री टाइम में किसीको क्रिकेट खेलना अच्छा लगता हैं, तो किसीको Books पढ़ना अच्छा लगता हैं। ऐसे में सबकी चाहत, पसंद अलग अलग होती हैं। सबको सबकुछ नहीं बेच सकते, मार्केटिंग में पहला काम यही होता हैं कि आपके प्रोडक्ट के लिए सही कस्टमर कौन हैं उनको ढूंढ़ना।

अगर आप ऐसे ही कोई प्रोडक्ट बनाते हो अपने हिसाब से तो इसकी क्या गारेंटी हैं कि बाकी लोगों को भी वो पसंद आएगी। इसलिए मार्केटिंग में यह भी आता हैं कि आप उन लोगों की जरूरतों को समझो और उस हिसाब से प्रोडक्ट बनाये। फिर अगर आप ने कोई एक्स्ट्राऑर्डिनरी प्रोडक्ट बना भी लिया लेकिन उसके बारे में किसीको भी पता नहीं चलेगा, प्रोडक्ट के बेनिफिट आदि लोगो को पता ही नहीं चलता तो लोग आपके प्रोडक्ट को क्यों लेगा। इसलिए लोगों को बताना भी जरुरी हैं। ये सब मार्केटिंग के अंदर ही आता हैं।

बहुत से लोग अपना कोई दूकान, स्टोर, सर्विस सेंटर शुरू करते हैं, उसको बनाने में लाखो रूपए लगा देते हैं। मगर मार्केटिंग में एक भी पैसा नहीं खर्चते और  रोते रहते हैं कि उनका बिज़नेस नहीं चल रहा। इसलिए मार्केटिंग बहुत जरुरी हैं।

 

Conclusion

इस पोस्ट में हमने Marketing  क्या हैं ? इसके ऊपर अच्छे से बात कर लिया हैं। अगर आपको एक डिजिटल मार्केटर बनना हैं तब भी आपको मार्केटिंग के बेसिक डेफिनेशन और कांसेप्ट पता होना बहुत जरुरी हैं। उम्मीद करता हु कि आपको भी मार्केटिंग क्या होता हैं इसका आईडिया हो गया हैं। आगे आने वाले पोस्ट में हमलोग मार्केटिंग के सभी कांसेप्ट के ऊपर एक एक करके बात करेंगे। इसलिए हमारे साइट के निचे जो एक छोटा सा बेल आइकॉन आता हैं उसे दबा लेना। इससे हम जब भी हम कोई नयी पोस्ट करते हैं तो आपको उसका नोटिफिकेशन तुरंत मिल जाएगा।

 

 

Core marketing Concepts के सभी चैप्टर – Philip Kotler

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