What is NFT: क्या होता हैं NFT, और कैसे काम करता हैं ?

एक International Cricketer जिस बैट से खेलते हैं। उसका प्राइस कितना आता हैं ? ₹17000 – ₹23000. अगर आप इसप्रकार का एक बैट खरीदते हो, और उससे 4-5 मैच खेल लेते हो, फिर उसका प्राइस क्या रह जाएगा। आसानी से 40% to 50% घट जाएगा।

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मगर महेंद्र सिंह धोनी ने जिस reebok बैट से छक्का मारके टीम इंडिया को  2011 के वर्ल्डकप जिताया था। बाद में जाकर वही बैट 72 लाख में बिका था।

Digitalyodha के एक शानदार पोस्ट में आपका स्वागत हैं। आज हम बात करने वाले हैं NFT यानी Non Fungible Token के ऊपर। इसके ऊपर बात करने से पहले हम Fungible Item और Non Fungible Item को अच्छे से समझ लेते हैं। फिर NFT को समझना आपके लिए आसान हो जाएगा।

Fungible Item

Fungible का मतलब होता हैं Replacable. यानी कि किसी एक चीज़ को दूसरे चीज़ से आसानी से रिप्लेस किया जा सकता हैं।

मान लेते हैं मेरे पास हैं 50 रूपए का एक नोट। और आपके पास हैं 10 रूपए का 5 नोट। अब हम दोनों इसे exchange कर सकते हैं। क्युकी दोनों के पास ही बराबर वैल्यू के ही पैसे हैं।

Fungible Item Example

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  • Money – आप पैसे के बदले पैसे एक्सचैंज कर सकते हो।
  • Same Brand’s Same Product – पतंजलि के 1 pice 10 रूपए वाला हल्दी चन्दन बाथ सोप को आप दूसरे pice 10 वाले हल्दी चन्दन चावून के साथ आसानी से एक्सचेंज कर सकते हो।
  • Gold – सोने को भी आप सोने के बदले आसानी से एक्सचेंज कर सकते हो।

 

Non Fungible Item

Non Fungible का मतलब होता हैं Non Replacable. जिसको किसी दूसरे चीज़ से रिप्लेस नहीं किया जा सकता।

मान लेते हैं मेरे पास जो 50 रूपए का नोट हैं। उसमें मैंने किसी एक चेलिब्रटी का ऑटोग्राफ ले लिया। अब इस ऑटोग्राफ की वजह से इस 50 रूपए की नोट में एक यूनिक वैल्यू ऐड हो गया। अब आप मुझे 10 रूपए का 5 नोट देकर मुझसे ये 50 रूपए का नोट नहीं ले सकते। या फिर दूसरा कोई व्यक्ति आकर दूसरा 50 रूपए का देकर भी मुझसे इसे एक्सचेंज नहीं कर सकते। ऑटोग्राफ ने इसे Non Fungible बना दिया।

Non Fungible Item Example

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  • House – आप अपने घर को दूसरे के घर के साथ एक्सचेंज नहीं कर सकते।
  • Different brand’s different product –  Apple के phone को आप samsung के फ़ोन के साथ एक्सचेंज नहीं कर सकते।
  • Artwork – पेंटर के पेंटिंग को दूसरे पेंटिंग से एक्सचेंज नहीं कर सकते।

 

What is NFT

NFT यानी Non Fungible Token मुख्य तौर पर ब्लॉकचैन पर stored रिकॉर्ड हैं, जो किसी एक डिजिटल या फिजिकल एसेट के साथ एसोसिएटेड होते हैं।

Non Fungible तो आपको समझमें आ गया हैं, जिसको रिप्लेस नहीं किया जा सकता। मगर ये टोकन क्या हैं। अगर सिंपल में बात करें तो अगर आप मैच देखने जाते हो, तो सबसे पहले आपको टिकट बुक करना होता हैं। फिर आपको एक फिजिकल टिकट मिलता हैं। जिसके आधार पर आपको स्टेडियम में एंट्री मिलती हैं। ये टिकट एक प्रकार का टोकन ही हैं।

फिलहाल NFT एक प्रकार की Collectible हैं। जैसे बहुत सारे लोग पुराने जमाने की करेंसी या फिर कोई दूसरी चीज अपने पास कलेक्ट करते रहते हैं। ठीक उसी तरह NFT भी Digital collectible चीज़ हैं।

ये कुछ भी हो सकता हैं – Image, Animation, Gif, Video, Music etc. बस ये डिजिटल होता हैं।

 

How NFT Works – NFT कैसे काम करता हैं ?

NFT के बहुत सारे Marketplaces मौजूद हैं। मान लेते हैं आपको एक इमेज को NFT बनाना हैं। अब आपको इसप्रकार के marketplace पर जाकरके image को mint कर देना हैं। जैसे amazon पर प्रोडक्ट लिस्ट किया जाता हैं। वैसे यहाँ इस प्रोसेस को कहा जाता हैं minting.

अब आप कुछ भी इमेज को mint कर सकते हो, इसका मतलब ये नहीं हैं कोई भी NFT बिकने लगेगा। आपको ये अच्छे से देखना होगा कि वहाँ के मार्केट पर अभी चल क्या रहा हैं। वैसे ये एक बिज़नेस का पार्ट हैं। इसके लिए आपके अंदर मार्केटिंग की सही समझ होना बहुत जरुरी हैं। अगर आप बिज़नेस को लेकर सीरियस हो तो हमने आपके लिए Core Marketing concepts के ऊपर आसान भाषा में 13 चैप्टर बनाके रखा हैं। आप चाहो तो धीरे -धीरे उसे पढ़कर मार्केटिंग सीखना शुरू कर सकते हो।

 

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NFT Minting का प्रोसेस थोड़ा मुश्किल हैं। मगर इसे कोई भी कर सकता हैं। बस थोड़ा सा दिमाग लगाकर आपको इसे सीखना होगा। Youtube पर बहुत सारे tutorial वीडियो फ्री में available हैं। जहा से आप आसानी से सीख सकते हो।

जैसे ही आप इमेज minting कर देते हो, उसके साथ आपकी Profile Name, Contract Adress और एक token id जुड़ जाता हैं।

फिर आगे जो इसे ख़रीदेगा Basically वो इसका owner बन जाएगा। creator आप ही रहोगे। owner के आगे खरीदने वाले का profile id जुड़ जायेगा। उससे अगर कोई तीसरा बंदा आकर NFT को खरीदता हैं, तब वो इसका owner बन जाएगा। इसी तरह आगे जितना सेल होता रहेगा, वहाँ से आपने minting के समय जितना प्रतिशत रॉयल्टी set किया था वो आपको मिलता रहेगा।

सभी रिकॉर्ड ब्लॉकचैन में स्टोर्ड होता हैं। इसलिए इसको कोई मिटा नहीं सकता। इमेज marketplace के server में मौजूद होता हैं। उसके रिकॉर्ड ब्लॉकचैन में स्टोर्ड होते हैं। NFT के लिए फिलहाल Ethereum (ETH) और Binance Coin (BNB) ब्लॉकचैन नेटवर्क का इस्तेमाल किया जा रहा हैं।

ध्यान रखें nft के अंदर maxium रॉयल्टी 10% ही सेट कर सकते हैं। और रॉयल्टी सिर्फ nft के creator को ही मिलता हैं।

 

NFT कैसे बिज़नेस को बदल सकता हैं

जैसा कि आपको पता ही हैं। Market से हम कुछ physical item भी खरीदते हैं, और कुछ digital item भी खरीदते हैं। Digital Item के मामले में business owner  को जाने-अनजाने बहुत लॉस उठाना पड़ता हैं। NFT इसी समस्या का समाधान कर सकता हैं।

Physical Item Trading

मान लेते हैं आपने एक दूकान से एक मोबाइल ख़रीदा। मोबाइल हैं एक physical product, मोबाइल के साथ दुकानदार आपको एक invoice भी दे देता हैं। जिससे यह पता चलता हैं कि आप उस मोबाइल का Owner हैं।

यहाँ पर सबसे बड़ा advantage ये हैं कि demand और supply  का कांसेप्ट अच्छे से maintain रहता हैं। मोबाइल बनाने वाले कंपनी ने अगर ठीक तरीके से Market Research करके demand को determine किया हैं। और मार्केट के सभी परिस्थिति ठीक-ठाक रहती हैं तो चान्सेस हैं कि सभी मोबाइल बिकेंगे। यहाँ पर कोई घपला नहीं कर सकता। एक मोबाइल को copy paste करके दो नहीं बनाया जा सकता।

अगर कोई फर्जी लोग आकरके उसी नाम से मोबाइल बेचने लगता हैं, तब वो आसानी से पकड़ा जाएगा। आखिर मोबाइल कंपनी हैं। trademark, patent ये सब करके ही रखा हैं।

Digital Item Trading

मान लेते हैं आपने एक stock photo वाले साइट से एक इमेज ख़रीदा। अब कंपनी आपको mail के जरिए या किसी दूसरे तरीक़े से image दे देगा। हो सकता आपको इनवॉइस भी दे दिया जाएगा।

यहाँ पर प्रॉब्लम ये हैं कि demand और supply का कांसेप्ट maintain नहीं रहता हैं। क्युकी आपने जो image ख़रीदा हैं उसकी बहुत सारे कॉपी आसानी से बनाया जा सकता हैं।

बहुत सारे लोग अपना ऑनलाइन कोर्स  बनाते हैं। ad चलाके, कंटेंट बनाके वो इसे प्रमोट करते हैं। डिमांड को बढ़ाने की प्रयास करते हैं। मगर कुछ लोग आकरके उसके मेहनत पर पानी फैरने का काम करते हैं। इसप्रकार के लोग ऐसे कोर्स को एकबार purchase कर लेते हैं और फिर आगे कॉपी करके लोगो को काफी कम कीमत में बेचने लगते हैं। इससे मार्केट में कोर्स का वैल्यू कुछ भी नहीं रह जाता हैं। नतीजा कोर्स क्रिएटर को बहुत ज्यादा नुक़सान उठाना पड़ता हैं।

Future Of NFT

अभी फिलहाल NFT सिर्फ़ एक collectible चीज़ हैं। future में इंटरनेट पर जो भी रिकॉर्ड रखा जाएगा। सब ब्लॉकचैन में ही स्टोर्ड होगा। ऐसे में इंटरनेट पर जितने भी चीज़े होगा वो एकप्रकार के NFT ही होगा। ऐसा हमें लगता हैं।

 

Conclusion

शुरआत में आपको महेंद्र सिंह धोनी के बैट का एक्साम्पल दिया था। वो एक non fungible item था। कोई दूसरा 2011 के वर्ल्डकप में जाकर दूसरे बैट से छक्का मारके टीम इंडिया को वर्ल्ड कप नहीं जीता सकता। इसलिए वो बैट bidding में इतने ज़्यादा प्राइस में बिका।

इसीतरह बहुत सारे आर्टिस्ट अपने artwork को offline bidding करके सेल करते हैं। अब ये NFT भी उसी तरह का एक artwork हैं। जो पूरी तरह से डिजिटल हैं और इसकी bidding ऑनलाइन होता हैं।

उम्मीद करता हूँ आपको ये जानकरी अच्छी लगी होगी। और अच्छे से समझमें भी आया होगा। आपके मन में जो भी सवाल या सुझाव हैं आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं।

 

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