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Mutual Fund क्या हैं ? इसके विभिन्न प्रकार

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हम सबको life में हर तरफ़ से Security चाहिए ! जब बात आती हैं Financial Security की इसके लिए हैं INVESTMENT

आपने Mutual Fund का नाम तो सुना ही होगा। जो आपके लिए एक बढ़िया Investment Option हैं। Mutual Fund के अंतर्गत बहुत सारे लोग अपना पैसा इन्वेस्ट करते हैं ताकि उन्हें आगे चलकर अच्छा रिटर्न मिल सके। इसके जरिए आप न सिर्फ Share Market में बल्कि Gold, Real Estate पर भी निवेश कर सकते हैं।

अगर कोई व्यक्ति पहली बार शेयर मार्केट में Invest करना चाहता है, तो अधिकतर Financial Expert म्युचुअल फंड में इन्वेस्ट करने की सलाह देते हैं। क्योंकि Share Market में इन्वेस्ट करने के लिए आपको बिज़नेस तथा कंपनी के बारें में डिटेल में रिसर्च करना पड़ता हैं। जो हर किसीकी बस की बात नहीं हैं।

आज हम आपको Mutual Fund से जुड़े हर छोटी-बड़ी जानकारी जैसे म्यूचुअल फंड क्या है, म्यूचुअल फंड के प्रकार (Different Types Of Mutual Fund), म्युचुअल फंड कैलकुलेटर (Mutual Fund Calculator), और म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर (Mutual Fund Distributor) इन सबको एकदम सिम्पल में समझाने वाले हैं।

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म्यूच्यूअल फण्ड क्या है: What Is Mutual Fund?

म्यूचुअल फंड मुख्य रूप से एक प्रबंधित निवेश योजना (Managed Investment Plan) हैं। ये बहुत सारे लोगों के पैसे से बना हुआ एक फंड होता है, जिसे फंड मैनेजर मैनेज करते हैं और इन पैसों को Security के आधार पर स्टॉक और अन्य जगहों पर थोड़ा-थोड़ा करके इन्वेस्ट करते हैं।

Share Market की पर्याप्त जानकारी ना रखने वाले लोगों के लिए म्युचुअल फंड एक बहुत ही अच्छा शेयर मार्केट प्लेटफार्म है। म्यूच्यूअल फंड एक टीम की तरह काम करते है, जिसे एसेट मैनेजमेंट ऑपरेटर या फंड मैनेजर द्वारा मैनेज किया जाता है। इसमें निवेश करने वाले लोगों को ज्यादा काम करने की जरूरत नहीं होती।

म्यूच्यूअल फंड की सबसे अच्छी बात यह है कि निवेशकों को इस बात की चिंता नहीं करनी होती की कब शेयर खरीदे और कब बेचे, यह सभी काम फंड मैनेजर और प्रोफेशनल टीम द्वारा किया जाता है।

Mutual Fund को AMC यानी Asset Management Company चलाते हैं। इंडिया में बहुत सारे म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी हैं, इन कंपनियों को AMC यानी Asset Management Company कहते हैं। और ये कंपनी Securities Exchange Board Of India (SEBI) के अंतर्गत Registered होते हैं।

मान लीजिए कि आप अपने 4 दोस्तों के साथ एक चॉकलेट की दूकान में जाते हो। आप लोग विभिन्न प्रकार की चॉकलेट आज़माना चाहते हैं, लेकिन आप लोगो के सबके पास अकेले प्रत्येक प्रकार की एक पूरी बार खरीदने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं हैं। बड़े चॉकलेट बार की कीमत 500 रूपए हैं। फिर आपलोगों ने 100-100 रूपए जोड़कर 500 रूपए इकट्ठा किया उसे ख़रीदकर चॉकलेट को आपस में बाँट लेते हो। 

Mutual Fund distributor: म्यूच्यूअल फण्ड वितरक

म्यूच्यूअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर का मुख्य काम निवेशकों को म्यूच्यूअल फंड से जुड़े हुए सभी तरह के जानकारियां पहुंचाना होता है। Mutual Fund Distributer का काम एक बहुत ही जिम्मेदारी भरा होता है जो कि निवेशकों को म्युचुअल फंड योजनाओं की इकाइयों को खरीदने और बेचने में सक्षम बनाते हैं। और भारत में म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर पर कार्यरत करने वाले हर एक व्यक्ति की देखरेख Association Of Mutual Fund India (AMFI) द्वारा किया जाता है।

Mutual fund Calculator

म्यूचुअल फंड कैलकुलेटर अपने रिटर्नस की जांच करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक स्मार्ट टूल होता है, जो कि मुख्य रूप से निवेशकों को अपने निवेश की बढ़ती-घटती जानकारी को जांचने में मदद करता है। म्युचुअल फंड निवेश को मुख्य रूप से एकमुश्त और एसआईपी इन्हें 2 तरह से कैलकुलेट किया जाता है।

म्यूचुअल फंड के शेयर की कीमत को नेट ऐसेट वैल्यु (NAV) कहां जाता है। म्यूचुअल फंड में इसकी गणना के लिए फंड के कुल मूल्य को निवेशको द्वारा खरीदे गए कुल शेयरो की संख्या से भाग दिया जाता है।

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Different Types Of Mutual Funds: म्यूच्यूअल फण्ड के विभिन्न प्रकार 

वैसे तो SEBI ने mutual funds को मुख्य रूप से 5 भेदों में categorized किया है। लेकिन अलग लोगों की अलग जरूरतों के अनुसार विभिन्न प्रकार के म्यूचुअल फंड मौजूद हैं, जिसे आप निवेश के उद्देश्यों और अपने लक्ष्य के अनुसार चुन सकते हैं। तो आइए इसके बारे में नीचे विस्तार से जानते हैं- 

Equity Mutual Fund में निवेशकों के ज्यादातर पैसों को शेयर्स में इन्वेस्ट किया जाता है, और बाकी बचे पैसों को बाॅॅन्ड या बैंक में रखा जाता है। इसीलिए इसका ज्यादातर रिटर्न भी शेयर मार्केट के अनुसार ही मिलता है। इस तरह के म्युचुअल फंड में कमाई की संभावना अधिक होती है, लेकिन उसके साथ साथ रिस्क भी होता है।

डेब्ट म्युचुअल फंड में मुख्य रूप से निवेशकों के पैसों को bonds और corporate fixed deposit में निवेश किया जाता है, और कम से कम 65 प्रतिशत पैसे को बॉन्ड या बैंक डिपॉजिट में लगाया जाता है। इसी कारण इसमें रिस्क की संभावना कम होती है, लेकिन इसके साथ ही इसमें ज्यादा फायदा देखने को भी नहीं मिलता है।

ये फंड स्टॉक और बॉन्ड के संयोजन में निवेश करते हैं। जो डेब्ट फंडों की तुलना में अधिक रिटर्न की संभावना प्रदान करते हैं, लेकिन इसमें जोखिम भी अधिक होता हैं।

म्यूच्यूअल फंड के अंतर्गत शेयर में रिटर्न की संभावना ज्यादा होती है लेकिन यह risky होता है, जबकि bond सुरक्षित होता है, लेकिन इसमें रिटर्न कम मिलती है। बैलेंस म्यूच्यूअल फंड इन्हीं दोनों को मिलाकर बनाया गया फंड है,  जिसके अंतर्गत निवेशकों के पैसों को शेयर और बॉन्ड दोनों में निवेश किया जाता है, ताकि सेफ्टी के साथ-साथ बढ़िया रिटर्ंस भी पाया जा सके।

टैक्स सेविंग म्युचुअल फंड को Equity linked saving scheme (ELSS) भी कहा जाता है, क्योंकि इस म्यूच्यूअल फंड में लगाए गए पैसे पर सरकार टैक्स छूट देती है। इस म्यूच्यूअल फंड के अंतर्गत निवेशकों के पैसों को मुख्य रूप से शेयर में लगाया जाता है, जो कि अच्छा खासा रिटर्न देती है। टैक्स सेविंग म्युचुअल फंड में निवेश किए पैसे कम से कम 3 साल के लिए locked हो जाता है और आप इस पैसे को 3 साल से पहले नहीं निकाल सकते हैं।

इंडेक्स म्युचुअल फंड में निवेशकों के पैसों को शेयर में निवेश किया जाता है। लेकिन यह म्युचुअल फंड अपने अनुसार चुने गए शेयर्स में पैसा नहीं लगाता बल्कि यह market indices (Sensex, Nifty, CNX-200, CNX 500) के structure को copy करके पैसा लगाता है।

 एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) पूरी तरह से इंडेक्स फंड की तरह ही होता है, लेकिन इस तरह के म्युचुअल फंड के अंतर्गत stock exchange में सीधे खरीदा या बेचा जा सकता है, और इस फंड की कीमत बाजार में लगातार बढ़ती और घटती रहती है। 

हेज फंड बाकी म्यूच्यूअल फंड से थोड़ा अलग होता है। इस तरह के फंड में केवल कुछ select group of high net worth individuals ही सामूहिक रूप से निवेश कर सकते हैं। यह फंड केवल और केवल प्रॉफिट बेस पर काम करता है, जिसके लिए निवेशकों को कम से कम 1 साल के लिए पैसा लगाए रखने होते हैं।

ये फंड निवेशकों को उनके सेवानिवृत्ति लक्ष्यों तक पहुंचने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। जैसे-जैसे निवेशक सेवानिवृत्ति के करीब आते हैं, वे स्वचालित रूप से अपने परिसंपत्ति आवंटन को समायोजित करते हैं।

Best Mutual Fund

वैसे देखा जाए तो सभी म्यूच्यूअल फंड अपने पैसे इन्वेस्ट करने के लिए बहुत ही अच्छे हैं, लेकिन अलग-अलग लोगों के लक्ष्य और उद्देश्य के अनुसार अलग-अलग म्यूच्यूअल फंड उनके लिए बेहतर साबित हो सकता है।

एक बेहतर म्यूच्यूअल फंड का चुनाव करने के लिए सबसे पहले अपनी जरूरतों और लक्ष्यों को निर्धारित करना होता है। और निवेशक के उद्देश्य, लक्ष्यों और जोखिम सहनशीलता के आधार पर ही बेहतर म्युचुअल फंड का चुनाव किया जाता है।

वैसे देखा जाए तो लंबे समय तक निवेश करने के लिए इक्विटी फंड को सबसे अच्छा म्युचुअल फंड माना जाता है, क्योंकि इसके अंतर्गत अधिकतर पैसे शेयर में इन्वेस्ट किए जाते हैं जिसमें काफी अच्छा रिटर्न पाने की संभावना होती है। बस इस म्यूचुअल फंड के निवेशकों को धैर्य रखने की जरूरत होती है, क्योंकि फंड का रिटर्न समय के साथ साथ बढ़ता जाएगा।

Systematic Investment Plan: SIP

SIP यानी कि सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने का एक लोकप्रिय और आसान तरीका है। और एसआईपी में निवेश की अवधि साप्ताहिक, मासिक, त्रैमासिक व छमाही होता है। जिसका सबसे अच्छा फायदा यह होता है कि निवेशकों को एक बार में इकट्ठा पैसा ना देकर हर महीने थोड़ा-थोड़ा अपनी स्थिति के अनुसार निवेश करना होता है।

एसआईपी में हर महीने पैसे निवेश करने पर निवेशकों को प्रत्येक महीने अलग-अलग मात्रा में यूनिटी प्राप्त होती है, जिसकी वैल्यू स्टॉक मार्केट के उतार-चढ़ाव के अनुसार बढ़ती-घटती रहती हैं। एसआईपी के माध्यम से निवेश करने पर करीबन 65% रिटर्ंस मिलने की संभावना होती है, और एसआईपी प्लान निवेशकों को समय-समय पर बचत राशि को निकालने की भी सुविधा देती है।

Adventages Of Mutual Fund

Disadventages Of Mutual Fund

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